अम्बाला शहर (हप्र) :
सच के आचरण को जीवन में धारण करने से सत्ता तो सहज ही मिल जाती है परन्तु सत्ता के दम्भ निर्मित आच्छादन से सत्य पर टिका रह पाना मुश्किल है। जिसने भी सत्ता पर आरूढ़ होकर सत्य का आचरण किया वही राम है। सभी को भगवान राम के मर्यादित आचरण को जीवन में धारण करना चाहिए। कथा का आयोजन दीपचंद गुप्ता सौंडे वाले द्वारा किया गया। ये सद्विचार आज मानव चौक पर एक दिवसीय आध्यात्मिक प्रवचन सत्र में रेणुकाजी, हिमाचल प्रदेश से पधारे महामंडलेश्वर दयानंद भारती के शिष्य प्यारानंद ब्रह्मचारी ने संगत को प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर दीपचंद गुप्ता, कुलवंत गुप्ता, हेमराज, महेश कुमार, चरणजीत मौहड़ी, हाकम सिंह, रशिम जण्डली, पुरुषोत्तम लाल और रजनीश जण्डली विशेष रूप से मौजूद रहे।