पानीपत, 4 अप्रैल (निस)
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीसीबी) की संयुक्त टीम ने शुगर मिल की जांच की तो मिल को प्रदूषण फैलाने व भूजल का अति दोहन करने का दोषी पाया गया है। इस पर टीम ने पानीपत शुगर मिल से 4.13 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा वसूलने की अनुशंसा की है। बता दें कि नगर निगम पानीपत की पार्षद प्रमोद देवी ने एनजीटी को पत्र लिख कर शिकायत की थी कि पानीपत शुगर मिल प्रदूषण फैला रहा है जिससे आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत सिंह ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर संयुक्त टीम ने जांच की। रिपोर्ट में पानीपत शुगर मिल से 4.13 करोड़ रुपये पर्यावरण मुआवजा वसूले जाने की अनुशंसा कर रिपोर्ट उपायुक्त पानीपत धर्मेंद्र सिंह को सौंप दी है।