नारनौल, 22 दिसंबर (हप्र)
एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा नियमों के विरुद्ध चल रहे जिला के 40 स्टोन क्रेशर को बंद करने व सहमति पत्र रद्द करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा 2 स्टोन क्रेशर यूनिट को मिले अनुमति पत्र रद्द भी कर दिए गए हैं।
एनजीटी द्वारा गठित कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि जिला में नियमों के खिलाफ कोई भी क्रेशर यूनिट नहीं चलने दी जाएगी। फिलहाल जिला की 22 अन्य स्टोन क्रेशर यूनिट की अनुमति रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
गौरतलब है कि एनजीटी ने क्रेशर व पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ चल रहे मामले में 3 दिसंबर को अपना फैसला सुनाते हुए जिले के 72 विवादित स्टोन क्रेशरों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए थे। इस मामले की सुनवाई पर एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने इसके लिए उपायुक्त की जिम्मेदारी तय की थी। इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने जिला प्रशासन से वहन क्षमता, डार्क जोन सहित अन्य पहलुओं पर 8 अप्रैल, 2021 से पहले-पहले पूरी कार्रवाई कर रिपोर्ट एनजीटी को सौंपने के आदेश दिए थे।
बैठक में उपायुक्त ने ग्राउंड वाटर सैल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग की टीम जल्द सर्वे करे और अगर यहां पर कहीं भी अवैध बोरवेल हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई करके रिपोर्ट भेजें। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि मौके पर जाकर इस बात की तस्दीक करें कि जिला में सभी स्टोन क्रेशर यूनिट एसटीपी का पानी प्रयोग कर रहे हैं या नहीं। अगर ये एसटीपी का पानी नहीं ले रहे हैं तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
पत्थर पिसाई की 3 यूनिट बंद करने के निर्देश
पिछले दिनों पर्यावरण विभाग की टीम ने 11 पत्थर पिसाई यूनिट का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान तीन पत्थर पिसाई यूनिट को तय सीमा से अधिक प्रदूषण करने पर बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं एक पत्थर पिसाई यूनिट ऐसी थी जिसने अवैध रूप से विस्तार कर लिया था उसे भी बंद करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
“सभी स्टोन क्रेशर से पर्यावरण को हो रहे नुकसान की रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी। “
-अजय कुमार, उपायुक्त