बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 24 जून
गांव महराना के प्रगतिशील किसान विनोद नांदल ने ग्राफ्टिंग तकनीक यानी पौधों पर कलम चढ़ाकर अलग-अलग किस्मों के फलदार पौधे उगाने की तकनीक में जिले के दूसरे किसानों के लिये मिसाल बन गये हैं। विनोद नांदल ने नयी शुगर मिल के पास गांव महराना स्थित अपने फार्म में ग्राफ्टिंग वाले एक एकड़ में 450 पौधे लगाये हैं और उन पर फल लगने भी शुरू हो चुके हैं। फार्म में निम्बू, आंवला, आड़ू, आलू बुखारा, अनार, अमरूद की हिसार सफेदा, वीएनआर रायपुर व पिंक ताइवान किस्में, बादाम, मौसमी, चिकू, आम की तीन तरह की वैरायटी, सेब व मोरिंगा सहित 15 फलदार पौधे लगाये हैं। कलम चढाकर एक साथ लगाये इस तरह के फलदार पौधों को बागवानी की भाषा में ‘मदर ब्लॉक’ कहा जाता है। किसान विनोद नांदल द्वारा लगाये मदर ब्लॉक को देखने के लिये दूसरे जिलों से भी किसान आते हैं। विनोद नांदल का कहना है कि वे जैविक खेती करते है। बागवानी विभाग के डीएचओ डाॅ. शार्दूल शंकर के अनुसार ग्राफ्टिंग तकनीक अपनाकर जो फलदार पौधों तैयार होता है, उन पर उच्च क्वालिटी के फल लगते है। इसे आम भाषा में कलम चढाना भी कहा जाता है।
ढाई एकड़ में लगायेंगे मौसमी, आडू व नाशपाती का बाग
विनोद नांदल ने बताया कि उसने अपनी साढ़े तीन एकड़ जमीन में से एक एकड़ में 15 फलदार पौधों का मदर ब्लॉक लगाया हुआ है। ढाई एकड़ जमीन में से आधा एकड़ में मौसमी, एक एकड़ में आडू व एक एकड़ में नाशपाती का इसी मॉनसून के सीजन में बाग लगाना है। साढ़े तीन एकड़ में चारों तरफ बांस व मोहगिनी के 200-200 पौधे भी लगाये जाएंगे। जबकि मोरिंगा के भी करीब दो हजार पौधे लगाये जाएगे और साढ़े तीन एकड़ में 3500 पौधे लगाये जाएंगे।
कच्ची घानी से निकालते हैं 12 किस्मों का तेल
विनोद नांदल ने गांव महराना में अपनी प्रोसेसिंग यूनिट लगाई हुई है और उसमें वे लकड़ी घानी द्वारा सरसों, बादाम, अखरोट, नारियल, तिल, कलौंजी, अल्सी, मुंगफली, सुरजमुखी व अरंडी का तेल निकालते हैं और यूनिट के साथ ही मैन रोड पर बनाये गये आउटलेट पर तेल बेचते हैं।
विनोद नांदल ने बताया कि इस यूनिट में तेल निकालने समय तापमान 35 डिग्री तक ही रहता है और इसे कच्ची घानी या ठंडा तेल भी कहते हैं। यही तेल हमारे स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है। नांदल ने शिवानी धारा के नाम से अपने तेल का ब्रांड रजिस्ट्रेड करवाया हुआ है।
नर्सरी के लाइसेंस के लिए किया है आवेदन
डीएचओ डाॅ. शार्दुल शंकर ने बताया कि विनोद नांदल ने उद्यान विभाग के पास नर्सरी के लाईसेंस के लिये आवेदन किया गया है और कागजी कार्रवाई पूरी होने पर जल्द ही उनको लाईसेंस दे दिया जाएगा। जिले में अभी उद्यान विभाग से लाईसेंस लेकर गांव धर्मगढ़ व पाथरी में ही दो नर्सरी चल रही हैं और लाईसेंस मिलने पर महराना की नर्सरी जिला की तीसरी नर्सरी होगी। उद्यान विभाग ने एक हेक्टेयर तक की छोटी नर्सरी पर 15 लाख तक के लोन पर 40 फीसदी अनुदान दिया जाता है। जबकि हाईटेक चार हेक्टेयर तक की नर्सरी पर 25 लाख व अधिकतम एक करोड तक के लोन पर 40 फीसदी अनुदान विभाग देता है।