चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में दागी बिजली उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। समय पर बिजली बिलों की अदायगी नहीं हो रही। सरकार के प्रयासों के बावजूद उपभोक्ताओं द्वारा समय पर बिलों की अदायगी नहीं की जा रही है। इस संबंध में चलाई गई योजनाएं भी विफल साबित हो रही हैं। बिजली निगमों द्वारा सरकार को भेजी गई वित्तीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस समय उत्तर व दक्षिण हरियाण हरियाणा बिजली वितरण निगमों का उपभोक्ताओं की तरफ बिलों के रूप में 6862.27 करोड़ रुपये बकाया है।
पिछले साल यह धनराशि 5295.74 करोड़ थी। हरियाणा में इस समय प्रत्येक श्रेणी के 67 लाख 79 हजार उपभोक्ता हैं। निगमों की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा की स्थापना के समय वर्ष 1967-68 में जहां 57 यूनिट प्रति व्यक्ति खप्ात थी वहीं अब यह बढ़कर 1805.45 यूनिट तक पहुंच गई है। पिछले साल बिजली निगमों का घरेलू उपभोक्ताओं की तरफ 3605.36 करोड़ रुपये बकाया था जो इस साल बढ़कर 4484.37 करोड़ हो गया है।
उद्योगों पर बकाया : पिछले साल उद्योगों की तरफ 603.57 करोड़ बकाया था जो बढ़कर 820.96 करोड़ तक पहुंच गया है। इस साल कमर्शियल उपभोक्ताओं की तरफ 702.09 करोड़ बकाया बताया गया है, जबकि पिछले साल यह राशि 499.88 करोड़ थी। राज्य सरकार के टॉप एजेंडे में किसान होने के बावजूद किसानों द्वारा ही बिलों की अदायगी नहीं की जाती है।
वर्तमान में कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं की तरफ 170.54 करोड़ बकाया है। हरियाणा ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश के सरकारी विभागों को 31 मार्च तक बिलों की अदायगी का नोटिस दिया था। इसके बावजूद सरकारी विभागों का 405.95 करोड़ से बढ़कर 684.28 करोड़ तक पहुंच गया है।
वसूली के लिए चलाई अनेक योजनाएं
राज्य सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं से बकाया बिल वसूली के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा चुकी हैं, जिनके उचित परिणाम नहीं आए हैं। निगमों की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने वर्ष-2018 में बिजली बिलों की अदायगी के लिए शुरू की गई सेटलमेंट योजना के तहत 13 लाख 61 हजार से अधिक उपभोक्ता शामिल हुए। योजना में सरकार ने 3,806 करोड़ के बिल माफ किए और उपभोक्ताओं ने 437.52 करोड़ की अदायगी की।