चंडीगढ़, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की कमी अब बड़ा मुद्दा बन रही है। खाली पदों को नियमित भर्ती से भरने की मांग हरियाणा एक्सपायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन (हापा) ने उठाई है। हापा ने 12 दिसंबर को पंचकूला और चंडीगढ़ में इस मांग को लेकर मौन जुलूस निकालने का निर्णय लिया है। इस प्रदर्शन में सैकड़ों नेट/स्कॉलर्स/टॉपर्स भाग लेंगे।
हापा के संस्थापक सदस्य व हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में कुल 524 पदों पर कुछ ही विषयों में आखिरी बार सहायक प्रोफेसरों की भर्ती की थी। आधे से अधिक विषय ऐसे हैं, जिन पर वर्ष 2016 के बाद से अब तक भर्ती नहीं हुई है। प्रदेश सरकार ने रेगुलर भर्ती के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया हुआ है।
शपथ-पत्र में सरकार ने माना है कि राजकीय कॉलेज में सहायक प्रोफेसर, प्रोफेसर के कुल 8137 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 4738 पद यानी लगभग 60 प्रतिशत पोस्ट खाली हैं। उनका कहना है कि सरकार पक्की भर्ती के नियमों में संशोधन का हवाला देकर इसे टालते आ रही है। प्रो़ सुभाष सपड़ा का कहना है कि प्रदेश के राजकीय कॉलेजों के करीब 2000 एक्सटेंशन लेक्चर बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया व बिना आरक्षण नीति को लागू किए कार्य कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ एक्सटेंशन लेक्चरर की पीएचडी डिग्री व नियुक्तियां भी पूरी तरह से संदेह के घेरे में हैं। यह सब कुछ जांच कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट भी कर दिया है।