जींद, 25 अक्तूबर(हप्र)
अखिल भारतीय अग्रवाल समाज जींद के एक शिष्टमंडल ने प्रधान राजकुमार गोयल की अध्यक्षता में दिल्ली के कनाट प्लेस के हेली रोड पर स्थित प्राचीन व ऐतिहासिक अग्रसेन बावड़ी का दौरा किया। दौरे में शिष्टमंडल ने बावड़ी के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की। सावर गर्ग, पवन बंसल, सोनू जैन, रामधन जैन, मनीष गर्ग, रजत सिंगला इत्यादि पदाधिकारी प्रमुख रूप से बावड़ी का दौरा करने वालों में शामिल रहे।
दौरे के बाद जींद लौटे राजकुमार गोयल ने बताया कि महाभारत काल में महाराजा अग्रसेन द्वारा यह बावड़ी बनवाई गई थी। कई साल पहले आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ की शूटिंग भी इसी अग्रसेन बावड़ी में हुई।
गोयल ने बताया कि प्राचीन काल में राजा-महाराजाओं द्वारा बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए बावड़ी बनवाई जाती थी। 7वीं से 19वीं सदी तक भारत में भूमिगत वास्तुकला को परिभाषित करने में बावड़ियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एक समय में दिल्ली व आसपास के क्षेत्र में 100 से ज्यादा बावड़ियां थी, जो समय के साथ लुप्त हो गई। उनमें से कुछ ही शेष बची हैं, जिनमें से अग्रसेन की बावड़ी प्रमुख है। इस बावड़ी का निर्माण महाभारत काल के समय महाराजा अग्रसेन द्वारा करवाया गया था। बाद में इस बावड़ी का जीर्णोंद्धार करवाया गया। गोयल ने बताया कि अब यह बावड़ी भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है। इस बावड़ी को देखने के लिए पूरे देश से सैकडों पर्यटक रोज यहां आते हैं। उन्होंने बताया कि यह बावड़ी 60 मीटर लम्बी और 15 मीटर ऊंची बनी हुई है। बावड़ी के कुएं तक पहुंचने के लिए 100 से ज्यादा सीढियां बनी हुई हैं। इस बावड़ी का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से हुआ है। इस पत्थर की वजह से बावड़ी की दीवारें काफी सुन्दर नजर आती हैं।