भिवानी/लोहारू, 17 जुलाई (हप्र/निस)
हरियाणा की जमीन पर अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट बनाए जाने चाहिए, क्योंकि 57 वर्ष बीत जाने के बाद भी हरियाणा प्रदेश अधीन राजधानी और अधीन हाईकोर्ट होने का खामियाजा भुगत रहा है। अपनी राजधानी और अलग हाईकोर्ट के बिना हरियाणा का न कोई अस्तित्व है न ही कोई पहचान। यह हक और प्रदेश का स्वाभिमान हासिल करने के लिए प्रदेश के हर जनमानस को अपनी भूमिका अदा करनी होगी। यह बात अपनी अलग राजधानी-अलग हाईकोर्ट अभियान की संचालिका बिमला चौधरी ने बुधवार को कस्बा लोहारू उपमंडल कार्यालय के समक्ष बैठक में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। इसके उपरांत उन्होंने उक्त मांग का ज्ञापन एसडीएम लोहारू को सौंपा। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकियू जिलाध्यक्ष अधिवक्ता एवं पूर्व प्रधान सुरेंद्र चौधरी ने की। उपस्थित लोगों ने मांग का एक स्वर में समर्थन किया। भाकियू नेताओं ने बैठक के माध्यम से अभियान का समर्थन किया।
बैठक को संबोधित करते हुए बिमला चौधरी ने बताया कि हरियाणा प्रदेश की अपनी राजधानी व अलग हाईकोर्ट की मुहिम पिछले एक वर्ष से चली हुई है और इस मुहिम को प्रदेश भर के बार एसोसिएशन, सामाजिक संगठन, किसान व मजदूर संगठन, कर्मचारी व व्यापारी संगठनों ने खुलकर समर्थन दिया है। यह मुहिम प्रतिदिन जोर पकड़ती जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को यह मुहिम लोहारू पहुंची। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश भारतीय किसान यूनियन के युवा अध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट हरियाणा प्रदेश व लोगों का वाजिब हक है और यह मिलना ही चाहिए। स्वतंत्र राजधानी के बिना प्रदेश की अपनी पहचान नहीं हो सकती और अलग हाईकोर्ट के बगैर त्वरित न्याय की कल्पना नहीं की जा सकती।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान अधिवक्ता सुरेंद्र श्योराण, महेश श्योराण, कविता आर्य, अशोक आर्य, सतीश चंद्र, अनिल कादयान, कल्याण सिंह, मनोज लाखलाण, विवेक श्योराण, पंकज आर्य, मेवा सिंह आर्य, आजाद सिंह भूंगला, धर्मपाल बारवास, गौ किसान समृद्धि ट्रस्ट के सचिव महेंद्र सिंह गोदारा भी उपस्थित थे।