चंडीगढ़, 17 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा में जिलों, उपमंडलों, तहसीलों व सब-तहसीलों की सीमाओं का पुनर्गठन अब जनगणना के बाद ही होगा। पहली अप्रैल से जनगणना का काम शुरू होगा। 2011 में हुई जनगणना के बाद यह कार्य पिछले साल होना था, लेकिन कोरोना से केंद्र ने इसे स्थगित कर दिया था। जनगणना होने के बाद प्रदेश की आबादी का सही आंकड़ा सरकार के पास होगा। इसके बाद ही सरकार भौगोलिक बदलाव करेगी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री होने के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि जनगणना के बाद ही अब ऐसे काम होंगे। अटेली से भाजपा विधायक सीता राम ने दोंगडा अहीर गांव का दर्जा बढ़ाकर उप-तहसील बनाने की मांग की थी। इससे पहले वे अटेली को उपमंडल बनाने की मांग भी कर चुके हैं। दुष्यंत ने कहा कि नियमों के हिसाब से उप-तहसील के लिए साथ लगते 10 गांवों की आबादी 60 हजार होनी चाहिए। उसके अधीन 5 से 10 पटवार सर्कल होने अनिवार्य हैं। 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के साथ 15 किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरी उप-तहसील नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी जनगणना के बाद सही आंकड़ा सरकार के पास होगा तो निर्णय लिया जाएगा। सरकार ने नये जिलों, उपमंडल, तहसील व उप-तहसील के लिए दुष्यंत की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी बनाई हुई है। इसमें संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर व सहकारिता मंत्री बनवारी लाल सदस्य हैं। सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में उस समय विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया था। धनखड़ कमेटी की सिफारिशों के बाद चरखी दादरी को राज्य का 22वां जिला बनाया गया था। उस समय आधा दर्जन से अधिक नये उपमंडल, तहसील व सब-तहसील भी बने थे। दुष्यंत की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब-कमेटी की भी बैठकें हो चुकी हैं। 100 से अधिक नयी ग्राम पंचायतों का गठन अब तक सरकार कर चुकी है।
इन्हें जिला बनाने की उठ रही मांग
असंध, गोहाना, नारनौल, डबवाली व हांसी को जिला बनाने की मांग उठ रही है। माना जा रहा है कि जनगणना के बाद प्रदेश में दो से तीन नये जिले बनाए जा सकते हैं। इसी तरह से आधा दर्जन से अधिक नये उपमंडल, एक दर्जन के करीब तहसील व सब-तहसील का गठन राज्य में किया जा सकता है। बहरहाल, जनगणना तक किसी तरह की घोषणा नहीं होगी।