विजय शर्मा/हप्र
करनाल, 7 सितंबर
वार्ता के लिए सचिवालय पहुंचे किसान नेताओं से धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। सचिवालय पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात थी और जवानों ने किसान नेताओं को रोक लिया। प्रशासन से संदेश आने तक फोर्स ने किसान नेताओं को रोके रखा। बाद में बैरिकेड हटा दिये गये। इस दौरान किसान नेताअों के समर्थकों ने भी सचिवालय के भीतर जाने का प्रयास किया तो बैरिकेड पर धक्का-मुक्की हुई। पैरामिलिट्री फोर्स ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया और कहा कि सिर्फ 11 लोग ही प्रशासन से बात करेंगे। इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने मंडी के सभी द्वारों की नाकेबंदी करके जीटी रोड व शहर की ओर आने वाले मार्गों पर डम्पर खड़े कर दिये ताकि किसान सचिवालय की और कूच न कर सकें।
वहीं करनाल में बरसात के बाद हरियाणा, पंजाब, यूपी से किसानों के जत्थे करनाल अनाज मंडी में पहुंचते रहे और दोपहर तक मंडी में हजारों किसानों का हुजूम जमा हो गया।
देर रात हुआ शीर्ष नेतृत्व के करनाल जाने पर फैसला
बीती देर शाम तक यह स्पष्ट नहीं था कि सयुंक्त किसान मोर्चे के कौन से बड़े नेता महापंचायत में आएंगे लेकिन देर रात चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मोर्चे का शीर्ष नेतृत्व करनाल जाएगा। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि करनाल प्रशासन ने बहुत सख्ती की है। बीती रात मोर्चे की बैठक में तय हुआ कि सभी वरिष्ठ नेता करनाल जाएंगे। किसानों को महापंचायत के दौरान नियंत्रण में रखा जाए ताकि कोई टकराव न हो। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हरियाणा में कानून का राज नहीं है सरकार जंगल राज चला रही है।
लंबे संघर्ष के लिये तैयार रहें : टिकैत
वार्ता के लिये रवाना होने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के शीर्ष नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसानों को अपने हितों के लिए लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। करनाल महापंचायत में पहुंचने पर मीडिया से वार्ता करते हुए भाकियू नेता नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तो शुरुआत है, इस तरह की महापंचायतें देश भर में होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार बहुत टेढ़ी चीज होती है, आसानी से नहीं मानती। टिकैत ने कहा कि आजादी की लड़ाई में भी 90 साल लगे थे। किसानों को अपने हितों के लिए लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।
निगम कमिश्नर का विरोध
करनाल जिला सचिवालय में जब किसान नेताओं और अधिकारियों के बीच वार्ता चल रही थी। उसी दौरान नगर निगम करनाल के कमिश्नर मनोज कुमार मंडी में अचानक किसानों के मंच के निकट पहुंच गये। उन्हें देखकर किसान भड़क उठे और हजारों किसानों ने उनका घेराव कर लिया। गुस्साये किसान सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कमिश्नर को पैदल मंडी गेट की ओर ले गये। विरोध के साथ ही उन्हें महापंचायत स्थल से दूर भेज दिया गया।
जींद तक पहुंची आंच
जींद (हप्र) : करनाल में हो रहे आंदोलन की आंच मंगलवार सायं जींद तक पहुंच गई है। करनाल में किसानों व प्रशासन के बीच वार्ता विफल होने के बाद एवं किसानों पर हुए वॉटर कैनन के विरोध में देर सायं जींद जिला के कंडेला, अलेवा व नगूरां में किसानों ने रोड जाम कर दिये। रोड जाम की सूचना पाकर संबंधित थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसानों ने पुलिस की नहीं सुनीं और जाम लगाकर सड़क पर ही डेरा डाल लिया। इन किसानों का कहना है कि करनाल में प्रशासन द्वारा किसानों की एक भी बात नहीं मानी गई और किसानों को सचिवालय तक पहुंचने भी रोकने का प्रयास किया गया। जैसे ही यह सूचना जींद जिला में पहुंची तो किसान सड़कों पर उतर आये और रोड जाम कर दिये। देर सायं समाचार भेजे जाने तक किसान रोड पर डटे हुए थे।