रेवाड़ी, 26 जुलाई (हप्र)
हरियाणा शहर विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सम्पदा कार्यालय रेवाड़ी में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर विजय यादव की गिरफ्तारी के बाद लगातार चल रही पूछताछ में सामने आया है कि विभाग की 1.75 करोड़ रुपए की रकम गबन करने का यह मास्टर माइंड रियल एस्टेट में धाक जमाना चाहता था। गबन की राशि से उसने हरियाणा व राजस्थान में जमीन खरीदी थी। जैसे-जैसे पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है, वैसे-वैसे किये गए फ्रॉड से परदा उठता जा रहा है। इधर, ऑडिट टीम की भूमिका की भी विभागीय जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि एचएसवीपी में इस गबन का खुलासा उस समय हुआ था, जब ऑपरेटर विजय द्वारा 13 जुलाई को 9 लाख रुपए ट्रांसफर करने का प्रयास किया गया। विभाग ने जब उसके कार्यकाल में किए गए कार्यों की छानबीन की तो पहले 38 लाख रुपए गबन का खुलासा हुआ था। बाद में गबन की यह राशि 1.75 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। पूछताछ में पता चला कि विजय यादव ने गबन की यह राशि अपनी पत्नी, बेटियों व नौकरों में खातों में ट्रांसफर की थी। विजय यादव ने इस रकम में से बावल व राजस्थान के नीमराणा में प्रॉपर्टी खरीदी थी। कुछ रकम उसने मोटे ब्याज पर लोगों को दी हुई थी। वह बहुत जल्द रियल एस्टेट क्षेत्र में अपनी धाक जमाना चाहता था। जांचकर्ता अधिकारी डीएसपी जमाल मोहम्मद ने कहा कि आरोपी विजय यादव कुछ ज्यादा लालच में आ गया था। पूछताछ चल रही है और नये खुलासे होने की संभावना है। इस मामले में अन्य जो भी शामिल होंगे, उन्हें भी नहीं छोड़ा जाएगा।
ऑडिटरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में
सम्पदा अधिकारी विजय राठी ने कहा कि विजय यादव 2017 से उनके कार्यालय के अकाउंट ब्रांच में कार्यरत था। उसने यह फ्रॉड सम्पदा अधिकारी व अकाउंटेंट के हस्ताक्षरों से छेड़छाड़ कर किया था। उसने फर्जी एक्सल सीट तैयार करके बैंक में लगा दी। अपने फ्रॉड को छिपाने के लिए उसने यहां के कार्यालय से भेजे गए ईमेल को भी डिलीट कर दिया था। उसने यह फ्रॉड वर्ष 2018 में शुरू किया था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि हर वर्ष ऑडिट होने के बावजूद ऑडिट टीम व अकाउंटेंट इस फॉड को क्यों नहीं पकड़ पाए। उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग के मुख्यालय स्थित चीफ अकाउंट ऑफिसर जांच कर रहे हैं। इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है। फ्रॉड पकड़ में आने पर उसके खिलाफ केस दर्ज कराया दिया गया और उसकी गिरफ्तारी भी हो गई है।