भिवानी, 11 मई (हप्र)
शिक्षा विभाग फील्ड विद्यालयों व कार्यालयों मेें काम करने वाले लगभग 2000 लिपिक वर्गीय कर्मचारिचारियों के एसीपी मामले शिक्षा सदन, पंचकूला में धूल फंाक रहे हैं तथा शिक्षा सदन में बैठे आला अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में सोये पड़े हैं। मुख्यमंत्री भी बार-बार कह चुके हैं कि 3 महीने बीत जाने पर कर्मचारियों का एसीपी अपने आप लग जायेगा। दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। शिक्षा सदन में विराजमान अफसर मुख्यमंत्री के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन सम्बद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा जिला कमेटी की और से सुकेश कुमार, कमलचंद्र सरोहा, सुमन देशवाल, सहदेव रंगा, सुरेंद्र रोहिल्ला ने बताया कि पिछले एक वर्ष से लिपिकों के एसीपीपी मामले शिक्षा सदन में पड़े हैं।
हेमसा ने 15 अप्रैल को अतिरिक्त निदेशक के सामने वार्ता बैठक में एसीपी मामला उठाया था। अतिरिक्ति निदेशक ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वास्त किया था कि शीघ्र ही निपटारा किया जायेगा, लेकिन अभी तक समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस संकट की घड़ी में लिपिकों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। संगठन मांग करता है कि एसीपी मामलों सहित अन्य मांगों का जल्द पिटान किया जाये।
अन्यथा विवश होकर सांगठनिक कदम उठाना पड़ेगा।