चरखी दादरी, 29 अगस्त (हप्र)
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने के लिए कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार-प्रसार में किसी भी तरह नाबालिग बच्चों को भागीदार नहीं बना सकता है। अगर किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवारों द्वारा बाल श्रम द्वारा संशोधित बाल श्रम अधिनियम का उल्लंघन किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राहुल नरवाल ने यहां बताया कि चुनाव आयोग ने किसी भी चुनाव-संबंधी गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हुए हैं कि वे किसी भी रूप में चुनाव अभियानों में नाबालिग बच्चों का उपयोग न करें, जिसमें पोस्टर, पेंफ्लेट के वितरण के अलावा नारेबाजी, रैलियां, चुनावी बैठकें, वीडियो इत्यादि शामिल हैं। चुनाव प्रचार प्रक्रिया में वोट हासिल करने के लिए नाबालिग बच्चों से कविता, गीत, बोले गए शब्दों के माध्यम से उपयोग करना व प्रतीक चिह्न भी निषेध है।