कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 6 अप्रैल
12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने के करीब एक साल पुराने मामले में आरोपी युवक मुकेश को बरी करने के करीब डेढ़ माह बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीमा सिंघल की अदालत ने हांसी पुलिस को मामले की अतिरिक्त जांच करने के आदेश दिए हैं। इससे पूर्व अदालत में दिए अपने जवाब में हांसी की पुलिस अधीक्षक निकिता गहलौत ने मामले में अतिरिक्त जांच की जरूरत से इनकार किया था। इस मामले में गत 18 फरवरी को अदालत ने आरोपी युवक को बरी करते हुए हिसार उपायुक्त व हांसी पुलिस अधीक्षक को यह भी आदेश दिया था कि वे जांच में लापरवाही बरतने पर हांसी के डीएसपी व 2 इंस्पेक्टर की तनख्वाह से 2 लाख रुपये काटकर बरी किए गए आरोपी को मुआवजा के तौर पर दें।
इस मामले में एक आरोपी भूप सिंह करीब डेढ़ माह तक जेल में रह चुका है इसको पुलिस ने जांच में डिस्चार्ज कर दिया था, जबकि बाद में मुकेश को गिरफ्तार किया जिसकी पीड़ित बालिका व अन्य शिकायतकर्ता ने दुष्कर्मी के रूप में पहचान नहीं की थी।
बालिका की पहचान पर जब उसके पिता ने युवक भूप सिंह से बात की तो उसने मारपीट की जिसके बाद ग्रामीण एकत्रित हो गए और मामले का पता चलने पर युवक की धुनाई की। पुलिस ने भूप सिंह को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया जिसके बाद उसको न्यायिक हिरासत में भेज दिया। करीब डेढ़ माह बाद पुलिस ने भूप सिंह को निर्दोष बताते हुए मामले से डिस्चार्ज कर दिया और मुकेश को गिरफ्तार कर लिया। मुकेश करीब 9 माह तक न्यायिक हिरासत में रहा जिसकी पीडि़ता और अन्य गवाहों ने दुष्कर्मी के तौर पर शिनाख्त नहीं की और अदालत ने उसको बरी कर दिया।
जब हांसी पुलिस अधीक्षक निकिता गहलौत से बात की तो उन्होंने कहा कि अदालत ने अतिरिक्त जांच के आदेश दिए हैं, इसलिए अतिरिक्त जांच की जाएगी।
मुआवजे के खिलाफ हाईकोर्ट गए पुलिस
मामले में अदालत ने एक डीएसपी व दो पुलिस इंस्पेक्टर की तनख्वाह से दो लाख रुपये काटकर उस राशि को मुआवजे के तौर पर पीड़िता को देने के आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ तीनों अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हांसी पुलिस इस मामले में आरोपी को बरी किए जाने के फैसले व अतिरिक्त जांच के आदेश के फैसले के खिलाफ भी हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रही है।