चरखी दादरी, 9 सितंबर (हप्र)
करीब 15 साल पहले रेल हादसे में पैर गंवाने के बाद भी नितेश लुहाच ने हार नहीं मानी और परिजनों से प्ररेणा लेते हुए जीवन में आगे बढ़ने का फैसला लिया। यहीं कारण है कि अपनी मेहनत के बूते आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा और पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड जीत पाया। नितेश लुहाच ने युवाओं को भी दृढ़संकल्प लेते हुए मेहनत करने की प्रेरणा दी।
बता दें कि गांव नांधा निवासी नितेश लुहाच ने पेरिस पैरालंपिक की पुरुष एकल बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है। गोल्ड जीतने के बाद पहली बार गांव लौटे नितेश लुहाच काे बाढड़ा कस्बे में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया। एसडीएम सुरेश दलाल सहित विभिन्न संगठनों द्वारा नितेश को सम्मानित किया गया। उसके बाद खुले वाहन में बैठाकर डीजे के साथ कस्बे में विजयी जुलूस निकाला गया और क्रांतिकारी चौक पर पहुंचे। वहां महाशय मंशाराम व महताब सिंह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान सामाजिक व दूसरे संगठनों के लोगों ने उन्हें सम्मानित किया।
नितेश ने बताया कि सफर बहुत लंबा था और मेहनत के बूते ही गोल्ड जीत पाया। करीब 15 साल पहले रेल हादसे के बाद पैर गंवाने के बाद हार नहीं मानी। परिजनों का स्पॉट व आत्मविश्वास मिला और सफलता मिलती रही। यहीं कारण है कि मेहनत के बूते गोल्ड मेडल जीता है। युवाओं को भी हार नहीं माननी चाहिए और मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलती है।