चंडीगढ़, 5 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सरंपचों को पावरफुल करने के बाद अब राज्य सरकार ‘शहरी सरकार’ को भी और अधिकार दे सकती है। स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के प्रतिनिधियों की शक्तियां बढ़ाई जा सकती हैं। नगर पालिका, नगर परिषद तथा नगर निगमों के चुने हुए प्रतिनिधियों को अधिकार देने के संबंध में योजना का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इस पर सीएमओ के अधिकारी मंथन कर रहे हैं। वहीं सरकार ने कानूनी राय भी मांगी है। योजना के अंतर्गत निकाय प्रतिनिधियों को कई तरह के वित्तीय तथा राजनीतिक अधिकार देकर सही मायनों में शहरों की सरकार बनाया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान भी इस तरह की कई घोषणाएं हो चुकी हैं। निकाय चेयरमैनों की ओर से लंबे समय से वित्तीय पावर बढ़ाने सहित अन्य अधिकार देने की मांग की जा रही। इस संबंध में शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने प्रदेशभर के चेयरमैनों के साथ बैठक की थी। विभागीय अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार निकायों में बिल पास करने के लिए चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सचिव की कमेटी में से 2 को साइन की पावर दी जाएगी। सरकारी काम के लिए अब वह खुद की गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके एवज में उन्हें विभाग की ओर से 16 रुपए प्रति किलोमीटर के तहत अदायगी की जाएगी। हर महीने वह 2500 किलोमीटर तक गाड़ी का इस्तेमाल कर सकेंगे। फिलहाल निकाय मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेजी जा चुकी है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद सरकार शहरी निकायों के संबंध में यह बड़ी घोषणा करेगी।