बहादुरगढ़, 1 अगस्त (निस)
कुछ दिन थोड़ी सी राहत के बाद टमाटर फिर से 200 रुपये किलो हो गया। मंगलवार को फुटकर बाजार में टमाटर 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिका। हालांकि करीब हफ्ता भर पहले टमाटर के दाम कुछ कम हुए थे, लेकिन फिर से वह 200 का आंकडा छू गया है।
शहर में टमाटर की कीमत एक बार फिर से आसमान छूने लगी है। बाढ़ और बारिश की वजह से मंडियों में कम मात्रा में टमाटर पहुंच रहा है। इस वजह से टमाटर की कीमत 200 रुपये पहुंच गई है। सप्ताह भर पहले टमाटर की कीमत 120 रुपये के आस पास आ गई थी। मॉडल टाउन निवासी महिला रितु का कहना है कि टमाटर के भाव पिछले एक महीने से बढ़े हुए हैं। पिछले सप्ताह रेट कुछ कम हुए तो उन्होंने टमाटर खरीदे, लेकिन फिर से भाव बढ़ गया है। अब टमाटर नहीं खरीद रहे हैं। बाजार में सब्जी मंडी में भी दुकानदारों ने टमाटर के दाम बढ़ने के बाद उनसे किनारा करना शुरू कर दिया है। मंडी में सब्जी विक्रेता नीलम का कहना है कि टमाटर आम ग्राहक खरीद ही नहीं रहा है। इसलिए उन्होंने टमाटर रखना छोड़ दिया है। यदि टमाटर सस्ता होता है तो वे फिर से रखेंगे, अन्यथा वे टमाटर नहीं लाएंगी। पहले लाता था 20 करेट टमाटर
रेलवे रोड पर विश्वकर्मा चौक के नजदीक टमाटर की रेहड़ी लगाने वाले शिव कुमार बताते हैं कि अब तो लोग पाव भर, सौ ग्राम टमाटर मांगते हैं। आम दिनों में मैं 20 करेट टमाटर लाता था। बीच में दाम 200 से नीचे आए थे। फिर से दाम बढऩे पर मांग कम हो गई है। हमने भी 20 करेट की जगह चार करेट लाना शुरू कर दिया है। इसमें से भी बच जाता है।
होडल में टमाटर 300 रुपए प्रति किलो
होडल (निस) : आज टमाटर के बढ़ते दामों के कारण अब तक के सबसे ज्यादा 300 रूपए प्रति किलो के दाम पर पहुंचने के कारण यह आम आदमी की पहुंच से दूर हो गया है व इसके कारण महिलाओं का बजट गड़बड़ा गया है। आज सब्जी मंड़ी में टमाटर के दामों में अचानक ही भारी ऊछाल आ गया व 300 रुपए किलो के रेट से टमाटर के बिकने से यह आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। टमाटर के दामों में अब तक के सबसे ज्यादा रेटों में बिकने से इसका रिकार्ड टूट गया है। बुर्जर्गों मीरा रानी बंसल, श्यामवती, अंजू सिंगला, डॉ. सीमा गुप्ता, मेघा अग्रवाल का कहना है की टमाटर के दामों में अचानक इतनी तेजी पहले कभी नहीं आई थी। अचानक ही टमाटर के दामों में हुई बढ़ोतरी के कारण ही यह गृहणियों की रसोई से पूरी तरह से गायब हो गए हैं। टमाटर के रेट महंगे होन से यह आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं तथा महिलाओंं के घर का बजट भी पूरी तरह से गड़बड़ा गया है।