फतेहाबाद/टोहाना, 6 फरवरी (निस)
शास्त्री मंडी, भूना में शनिवार को सर्वजातीय किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। महापंचायत में कई गांवों से सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया। महापंचायत में उमड़े जनसैलाब को देखकर किसान नेता गदगद नजर आए। हालांकि मुख्य स्टेज पर राजनीतिक दलों के नेताओं की एंट्री नहीं होने दी, जिसके चलते पूर्व संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिलाखेड़ा व पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया आम जनता के बीच पत्रकारों के लिए लगाई गई कुर्सियों पर बैठे हुए नजर आए और उन्हें चढूनी की मौजूदगी में बोलने का वक्त तक नहीं दिया गया।
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने 26 जनवरी के मामले में कहा कि वे सभी लोग सरकार के ही थे। ऐसा किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की नीयत से किया गया और यह सुनियोजित था। इसके प्रमाण उस रोज के दिल्ली के खुले द्वार हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के एक काल की दूरी के सवाल पर कहा कि हमारे पास तो सरकार का नंबर तक नहीं है। सरकार बातचीत के लिए बुला नहीं रही है। ऐसे में सरकार की कथनी और करनी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष जगदीश पारता, जिला संयोजक मांगेराम महेड़ा हसंगा, राजेश खिलेरी, हरजीत सिंह मल्ली, गुरदीप सिंह भट्टी, सुखदेव सिंह सुखा, बलजीत सिंह आदि भी मौजूद थे।
सुरेवाला चौक पर रोका रास्ता
उकलाना मंडी (निस): सुरेवाला चौक पर किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चौक पर जाम लगाया। यहां सैकड़ों की संख्या में किसान, महिलाएं व बुजुर्ग पंहुचे हुए थे। वहीं किसी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस मौजूद थी। वहीं, किसानों में जोश भरने के लिए हरियाणवी कलाकार ईश्वर छातर अपनी टीम के साथ पहुंचे। इस मौके पर पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, का. मिया सिंह, नरेंद्र घणघस, बानी पहलवान, सतीश पातड़, संदीप पातड़, सतबीर, राजेश बिठमड़ा, मनपाल सेलवाल भी मौजूद थे।
किसानों के बीच पहुंचे दूल्हा-दुल्हन
सिरसा (निस) : किसान संगठनों द्वारा शनिवार दोपहर तीन घंटे तक चक्का जाम को लेकर क्षेत्र के किसानों द्वारा कालांवाली में ओढां कैंचियों पर चक्का जाम किया गया। किसान नेता गुरदास सिंह लकडांवाली के नेतृत्व में किसानों ने चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। किसानों द्वारा ओढां कैंचियों पर लगाए गए चक्का जाम के दौरान वहां से बारातियों के साथ गुजर रहे दूल्हे अमृतपाल ने अपनी दुल्हन लखबीर कौर के साथ किसानों के बीच में पहुंच कर किसानों का समर्थन किया। किसानों ने नेशनल व स्टेट हाईवे जाम किया। जिले में भी व्यापक असर देखने को मिला। इसमें किसानों ने शांतिपूर्वक चक्का जाम रखा और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया, वहीं पुलिस ने चक्का जाम के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए।
कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर लगाया जाम
कुरुक्षेत्र (हप्र): कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शनिवार को कुरुक्षेत्र जिला में किसानों तथा अन्य संगठनों द्वारा लगभग एक दर्जन स्थानों पर जाम लगाया गया। किसानों ने जहां पिपली में जाम लगाया वहीं कुरुक्षेत्र ढांड रोड कमोदा बस अड्डा पर जाम लगाया गया। इसके अलावा जन संघर्ष मंच व आवाज मंच ने किसानों के समर्थन में यहां के पुराने अड्डे पर जाम लगाया। पिपली में धरने को आम आदमी पार्टी के नेताओं सुरेन्द्र मित्तल, जवाहर गोयल और सुमित हिन्दुस्तानी ने भी अपना समर्थन दिया। दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवक्ता कंवलजीत सिंह अजराना ने उमरी चौंक पर दमदमी टकसाल से चलकर वहां पहुंचे लगभग 250 वाहनों के काफिले में सवार लोगांे को जलपान करवाते हुए उनका अभिनंदन किया।
बजाये वाहनों के हार्न
शाहाबाद मारकंडा (निस) : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने जसबीर सिंह मामूमाजरा के नेतृत्व में तीन घंटे तक जी.टी. रोड पर चक्का जाम किया। शाहाबाद के साथ-साथ बाबैन, झांसा, अजराना आदि स्थानों से हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए। चक्का जाम के अंत में सभी वाहन चालकों ने हार्न बजाकर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।
पिहोवा में सुनसान रही सड़कें
पिहोवा (निस) : जाम के कारण सड़कें सुनसान पड़ी रही। गांव थाना स्थित टोल प्लाजा पर भारी मात्रा में किसान इकट्ठे हुए तथा जाम लगा दिया। किसानों ने स्कूली बसों व बीमार लोगों के वाहनों को जाने दिया। टोल प्लाजा पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने अपना समर्थन दिया। इस मौके पर भारी संख्या में महिलाओं ने भी भाग लिया।
हुक्का गुड़गुड़ाते रहे किसान, बजती रही रागनियों की धुन
कैथल (हप्र) : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज किसान, मजदूर, कर्मचारी यूनियन के साथ अनेक संगठन, आढ़ती, राजनीतिक व सामाजिक दलों ने शामिल होकर सरकार के द्वारा पारित किए गए तीन कानूनों पर जमकर केंद्र की सरकार को कोसा। सुबह से ही किसान, ग्रामीण, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे व कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी व सदस्य पैदल, ट्रैक्टर-ट्रालियों, बाइक सहित विभिन्न वाहनों पर सवार होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताते हुए तितरम मोड़ पहुंचे। सड़क व राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुक्के की गुड़गुड़ाहट व रागनियों की धुन के बीच धरना देकर जाम लगाया। जाम के दौरान वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा और पुलिस वाहन चालकों को अन्य मार्गों से भेजती दिखाई दी। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तितरम मोड पर डीएसपी राज सिंह व डीएसपी कुलवंत सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा।
शिमला एवं खरक पांडवा के पास किया रोष प्रदर्शन
कलायत (निस): किसानों ने नेशनल हाईवे स्थित कलायत-खरक पांडवा के बीच व शिमला गांव में 3 घंटे तक जाम लगाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किसानों के साथ-साथ राजनीतिक दलों और कर्मचारी यूनियनों के प्रधानों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा व्यापारी वर्ग द्वारा किसान आंदोलन में सहयोग किया गया। कैंची चौक पर डीएपी सुनील कुमार व थाना प्रभारी जयवीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहा।
नारायणगढ़ में अवरुद्ध रहा यातायात
नारायणगढ़ (निस) : भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने चंडीगढ़ यमुनानगर स्टेट हाईवे को गांव कड़ासन के निकट जाम कर दिया। तीन घंटे तक लगे जाम से यातायात अवरुद्ध रहा। चक्का जाम को विभिन्न राजनीतिक दलों एवं कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी समर्थन दिया। बसपा जिला प्रधान करनैल सिंह नगला ने कहा कि बसपा का हर एक कार्यकर्ता किसानों के साथ खड़ा है। इस अवसर पर अशोक मेहता, करनैल सिंह नगला, संजीव कुमार बल्लोपुर भी मौजूद रहे।
जाम में फंसे चालकों को बांटा हलवा
पानीपत (एस) : पानीपत जिले में किसान, मजदूरों व अन्य संगठनों द्वारा चार स्थानों पर चक्का जाम रखा गया। किसानों ने जाम में फंसे लोगों को लंगर सेवा में हलवे का प्रसाद, चाय व खाना दिया। अंबाला-दिल्ली हाईवे पर जीटी रोड टोल पर, पानीपत-रोहतक हाईवे पर गांव नौल्था गौशाला के पास, पानीपत-जींद रोड पर गांव भालसी चौक पर और सनौली रोड स्थित गांव छाजपुर के पास चौटाला रोड को पूरी तरह से बंद रखा गया। वहीं युवाओं ने हाईवे पर क्रिकेट खेल कर समय व्यतीत किया।
सीवन में शांतिपूर्वक दिया धरना
सीवन (निस) : किसान यूनियनों ने कैथल-पटियाला मुख्य मार्ग पर रा.व.मा.विद्यालय के सामने जाम लगाया। किसान यूनियन के ब्लाक प्रधान उदय सिंह मोंगा फिरोजपुर की अध्यक्षता में किसानों ने सड़क पर बैठकर शांतिपूर्वक धरना दिया और जाम लगा दिया। वक्ताओं ने कहा कि जब तक आंदोलन जारी रहेगा तब तक जजपा-भाजपा विधायकों व नेताओं का गांवों में आना बंद रहेगा। इस मौके पर अमरेंद्र सिंह खारा, बलवान सिंह, बलजीत, गजन सिंह गोंबिदुपरा, अवतार सिंह भी मौजूद थे।
चारों मुख्य मार्गों पर आवाजाही ठप
गुहला चीका (निस) : विभिन्न किसान संगठनों ने शहीद ऊधम सिंह चौक में चक्का जाम कर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी। जाम के चलते शहर के चारों मार्गों पर आवाजाही ठप रही। किसानों ने शहर के शहीद ऊधम सिंह चौक के साथ गांव भागल, पीडल, कांगथली, अगौंध व टटियाणा टोल पर भी जाम लगाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान नेता रति राम ने की मंच का संचालन सुभाष भागल ने किया।
रादौर में व्यापक असर
रादौर (निस) : संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से शनिवार को चक्का जाम का रादौर क्षेत्र में व्यापक असर देखने को मिला। किसानों ने एस के रोड पर औंरगाबाद पुल के नीचे तथा गुमथला में खूखनी मोड़ पर धरना देकर प्रदर्शन किया और चक्का जाम किया। 12 बजे से तीन बजे तक किए गए इस चक्का जाम का पूरा असर रहा। किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम डीएसपी रजत गुलिया व बीडीपीओ कंवरभान नरवाल को ज्ञापन सौंपा। गांव गुमथला मेें जाम का नेतृत्व गांव गुमथला के पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह भूरा, पूर्व जिला परिषद सदस्य शिव कुमार संधाला व भाकियू जिला प्रधान संजु गुंदयाना ने किया।
खटकड़ टोल तक निकाला पैदल मार्च
उचाना/जींद (हप्र) : लितानी रोड स्थित रविदास मंदिर में विभिन्न संगठनों से पहुंचे युवाओं ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया। एनएच 352 पर खटकड़ टोल तक पैदल मार्च कर रोष प्रदर्शन किया।
केंद्र सरकार का पुतला फूंका
नरवाना (अस) : किसानों ने बद्दोवाला टोल प्लाजा, गांव कालवन व धमतान, गांव बेलरखा, मोहलखेड़ा व गढ़ी-उझाना के पास जाम लगाया और केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका।
अभय ने शुरू किया किसान जनजागरण अभियान
सिरसा (निस) : इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने गांव चौटाला से किसान जनजागरण अभियान का आगाज किया। उन्होंने बताया कि 7 से 19 फरवरी तक किसान जनजागरण अभियान के दो कार्यक्रम किए जाएंगे जो निरंतर 25 फरवरी तक चलेंगे। इसके बाद एक हलके के चार गांवों में जाकर किसानों को कृषि कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।