पिहोवा, 15 सितंबर (निस)
एसडीएम सोनू राम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते असर को देखते हुए 16 व 17 सितंबर को पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर आयोजित होने वाले अश्विन मास की चौदस व अमावस्या पर कर्मकांड व पिंडदान आदि कार्यों पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली के बार्डर के पास विशेष नाके लगाए गए हैं ताकि अगर कोई श्रद्धालु इन दोनों क्षेत्रों से पिहोवा की तरफ आते हैं तो उन्हेें वहीं से वापस भेज दिया जाए। यही नहीं जो व्यक्ति ड्रेन के द्वारा आने की कोशिश करेंगे तो उन्हें भी वापस भेज दिया जाएगा। इसके लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए जाएंगे और जिलाधीश से धारा 144 लगाने का अनुरोध किया गया है।
एसडीएम ने कहा कि दोनों दिन पिहोवा के सभी बाजार पूर्णत: बंद रहेंगे, किसी भी प्रकार का पूजा पाठ नहीं होगा।
‘तीर्थो पर प्रतिबंध तुगलकी फरमान’
कुरुक्षेत्र (एस) : पितृ पक्ष में कुरुक्षेत्र, पिहोवा के तीर्थों पर अमावस्या के दौरान पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला हरियाणा सरकार का तुगलकी फरमान है। इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन एवं श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के पूर्व अध्यक्ष जलेश शर्मा ने कहा कि सरकार का यह फैसला सरासर गलत है। जब दुकानें खुली हैं, मंडी खुली है, रेस्टोरेंट, होटल, ठेके खुले हैं और सरकार की रोडवेज की बसों में सीमित संख्या से भी ज्यादा यात्री सवार होकर जा रहे हैं तो ऐसे में तीर्थों पर प्रतिबंध लगाने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि पितृ पक्ष में पितृ तर्पण कराने के लिये लोग देश दुनिया से धर्मनगरी कुरुक्षेत्र और पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर पहुंचने की परंपरा है। सरकार को चाहिये था की प्रतिबंध लगाने की बजाय इन तीर्थों पर सुरक्षा की दृष्टि से केंद्र सरकार ने जो दिशा निर्देशानुसार जारी किये हैं, उसे लागू करके अन्य गतिविधियों की तरह पितृ तर्पण की भी अनुमति दी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ब्राह्मणों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है इसलिए राज्य सरकार को राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिये।