जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 29 फरवरी
सरकार की महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रानिक्स वोटिंग मशीन (ईवीएम) वेयरहाउस पिछले साढ़े 3 साल में भी बनकर तैयार नहीं हुआ है। इसका निर्माण पिछले काफी समय से अधर में ही लटका पड़ा है। अभी तक तो प्रशासन द्वारा महिला बहुतकनीकी में ईवीएम वेयरहाउस बनाया हुआ है जिसका हर माह भौतिक निरीक्षण उपायुक्त को करना होता है। जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के अधर में रहने का मुख्य कारण पहले एस्टीमेट का काफी कम बनाए जाने का खेला है। प्रदेश सरकार के जिन होनहार अधिकारियों ने इस पर आने वाले खर्च का अनुमान बताया था उसमें यह नाम मात्र भी पूरा नहीं हो पाया और अब अनुमानित बताई गई लागत से दो गुना पैसा और मांगा गया है। ऐसे में अनुमानित लागत बनाने वाले अधिकारियो की योग्यता पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं जिनके कारण महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अधर में लटके पड़े हैं। अम्बाला शहर में ही अन्य कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भी इसी अनुमानित लागत के बाद में कई गुना हो जाने के खेले के कारण लटके हुए हैं।
दरअसल सरकार ने निर्णय लिया था कि हरियाणा में इलेक्ट्रानिक्स वोटिंग मशीनों-ईवीएम की सुरक्षा व इनकी किलेबंदी को कड़ा किया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर हरियाणा सरकार ने प्रदेश के हर जिले में करोड़ों की लागत से ईवीएम वेयरहाउस तैयार करने का निर्णय लिया था जहां इन ईवीएम को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जा सके। योजना के तहत हर जिले में बनने वाले ईवीएम वेयरहाउस के लिए संबंधित जिलों के डीसी को इसके लिए जमीन उपलब्ध करवानी थी। जिलों में तीन कैटेगरी साइज 750 वर्ग मीटर, 1400 वर्ग मीटर और 2100 वर्ग मीटर के वेयरहाउस तैयार किए जाने की योजना बनी थी लेकिन सबसे बड़ा सेंट्रलाइज्ड स्टोर 4000 वर्ग मीटर का अम्बाला में तैयार किया जाना था। स्टोर बन जाने के बाद इन सभी वेयरहाउस और सेंट्रलाइज्ड स्टोर पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की गारद रखी जानी थी जबकि हर एक ईवीएम 16 सील युक्त की जानी थी।
अम्बाला में भी प्रदेश चुनाव स्टोर के पास और बाल सुधार गृह के पीछे की जमीन संंबधित वेयर हाउस के लिए चिन्हित करके जून 2020 से इसका निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था लेकिन कुछ समय बाद ही फंड समाप्त हो गया और काम बीच में लटक गया। तब से लेकर अब तक यह काम आगे नहीं बढ़ सका है। इन वेयरहाउस में ईवीएम रखने के लिए एक विशेष प्रकार के रैक तैयार किए जाने हैं। इससे हर मशीन निर्वाचन आयोग के ट्रैक पर रहेगी। योजना के मूर्त रूप लेने के बाद किस नंबर की मशीन किस वेयरहाउस के किस रैक में पड़ी है, चुनाव आयोग ऑनलाइन इसकी जानकारी हासिल कर सकता है। यदि मशीन इधर उधर होती है तो भी आयोग को मालूम चल जाएगा।
इसके निर्माण कार्य का जिम्मा पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग को दिया गया था लेकिन प्रोजेक्ट की पूरी निगरानी हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा की जानी थी।
” अम्बाला में बनाया जा रहा ईवीएम वेयर हाउस अभी पूरा होने में समय लगेगा। शुरू में इसके लिए अनुमानित लागत 4.5 करोड़ रुपये आंकी गई थी लेकिन पैसा कम पड़ने के कारण इसका दोबारा से एस्टीमेट करीब 11.53 करोड़ का बनाकर मुख्यालय को भेजा गया है। फंड का आवंटन होते ही कार्य को तेजी से पूरा करवाया जाएगा। ”
-दलबीर, एसडीई, लोक निर्माण विभाग-भवन एवं सड़क, अम्बाला