करनाल (हप्र) : जैन परंपरा के 23वें तीर्थंकर श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान के जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में ‘एक शाम प्रभु पार्श्व के नाम’ भजन संध्या भारत संत गौरव पीयूष मुनि महाराज के पावन सान्निध्य में तीर्थस्थल श्री आत्म मनोहर जैन आराधना मंदिर में आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता अरिहंत ट्रेडर्ज अंबाला छावनी के नवीन जैन ने की। झंडा फहराने की रस्म प्रधान अशोक जैन जबकि प्रभु पार्श्व दरबार का अनावरण समाजसेवी पुनीत जैन ने किया। दोपहर लंगर की सेवा जैन एंड कंपनी प्रॉपर्टीज, करनाल की ओर से रही और कार्यक्रम की समाप्ति पर अल्पाहार का प्रबंध राजेंद्र जैन के सौजन्य से रहा। सर्व धर्म दिवाकर पीयूष मुनि महाराज ने कहा कि महापुरुष सूर्य और चंद्रमा से बढ़कर होते हैं जो भूलोक से प्रयाण करने के उपरांत अपने ज्ञान की रोशनी मानव मात्र के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में छोड़ जाते हैं। भगवान पार्श्वनाथ जैन परंपरा के 23वें तीर्थंकर हैं, जिन्होंने तीस वर्ष की अवस्था में आत्म कल्याण एवं जनहित के लिए संयम साधना का पथ अंगीकार किया था। उन्होंने चातुर्मास धर्म के अंतर्गत अहिंसा, सत्य, अचौर्य तथा अपरिग्रह का उपदेश दिया और साधु – साध्वी, श्रावक – श्राविका के रूप में चार प्रकार के तीर्थ की स्थापना की। भजन गायक अरुण जैन (पद्मावती संगीत समूह) ने अपने भजनों से सभी को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। समारोह में विशेष रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा उपस्थित हुए।