चंडीगढ़, 9 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
कुरुक्षेत्र के वरिष्ठ नेता जयभगवान शर्मा, जिन्हें ‘डीडी’ के नाम से जाना जाता है, का विधानसभा पहुंचने का सपना इस बार भी पूरा नहीं हो पाया। हालांकि, यह बात एक बार फिर साबित हो गई कि डीडी जिस भी पार्टी में रहे हैं, हरियाणा में उसकी ही सरकार बनी है। यह परंपरा पिछले पांच चुनावों से जारी है, और यह राजनीतिक प्रथा क्षेत्र में काफी चर्चित है। डीडी शर्मा लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं और 2005 में वे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे। उस समय कांग्रेस ने 67 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। इसके बाद 2009 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। लेकिन 2014 के चुनावों से पहले, डीडी ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया और पिहोवा से टिकट पर इनेलो के जसविंद्र सिंह संधू के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2019 में, डीडी शर्मा ने जजपा में शामिल होकर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन एक बार फिर उन्हें सफलता नहीं मिली। जजपा सत्ता में साझेदार रही, लेकिन डीडी के साथ संबंध बिगड़ने के बाद वे भाजपा में लौट आए। इस बार, उन्होंने पिहोवा से कांग्रेस के मनदीप सिंह चट्ठा के खिलाफ चुनाव लड़ा और 6,553 मतों के अंतर से हार गए। इसी बीच, भाजपा ने 48 विधायकों के साथ पुनः पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापसी की है।