ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 18 नवंबर
हरियाणा की नायब सरकार ने पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। बीसी-ए यानी पिछड़ा वर्ग की ‘ए’ कैटेगरी के अंतर्गत आने वाली जातियों के बाद अब सरकार ने बीसी-बी के अंतर्गत आने वाली जातियों को भी पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में आरक्षण देने का फैसला किया है। इससे जुड़े दो विधेयक सोमवार को विधानसभा में पारित किए गए।
मनोहर सरकार के समय बीसीए की जातियों को पहले पंचायतों में 8 प्रतिशत आरक्षण का फैसला लिया गया। इसके पॉजिटिव नतीजे आए तो इसे निकायों में भी लागू किया गया। नायब सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में बीसी-बी की जातियों को भी निकायों व पंचायतों में आरक्षण का ऐलान किया था। उसी दौरान इससे जुड़े आर्डिनेंस भी जारी हो गए थे। सोमवार को सरकार ने हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक और हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक पारित कर दिए गए।
एक अनुमान के अनुसार, राज्य में पिछड़ा वर्ग-ए की 18.93 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग-बी की 15.05 प्रतिशत आबादी है। आरक्षण का फायदा गांव में पंच-सरपंच तथा ब्लाक समिति व जिला परिषद में सदस्यों के चुनावों में मिलेगा। इसी तरह नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में भी बीसी-ए की तर्ज पर बीसी-बी को आरक्षण मिलेगा। सरकार का कहना है कि इस फैसले से बीसी (बी) के लोगों को लोकतंत्र में अधिक भागीदारी के अधिकार मिलेंगे।
इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे। विधानसभा में बिल पर मुहर लगने के साथ ही आगामी निकाय चुनावों में बीसी-बी को आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है।
प्रदेश सरकार जनवरी में नगर निगमों के साथ ही नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के रिक्त पदों पर चुनाव करने की तैयारी में है। निकाय चुनाव में आरक्षण से बीसी-बी के लिए कई सीटें सुरक्षित होंगी।
बीसी (बी) श्रेणी को भी मिलेगा उसका हक
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि बीसी (बी) श्रेणी को दिए जाने वाले आरक्षण से बीसी (ए) श्रेणी के आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बीसी (ए) श्रेणी के लोग अपने मौजूदा आरक्षण का लाभ उठाते रहेंगे। वहीं बीसी (बी) श्रेणी को भी अपने हक का लाभ मिलेगा। इस विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कैथल विधायक आदित्य सिंह सुरजेवाला ने निकायों व पंचायतों में बीसी-ए व बीसी-बी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि बीसी-ए और बीसी-बी को आरक्षण कुल जनसंख्या में से पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में दिया जाना चाहिए।