दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 सितंबर
हरियाणा में नामांकन-पत्र वापसी के दिन प्रदेश में सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सिरसा में देखने को मिला। बेशक, भाजपा और कांग्रेस कई सीटों से बागियों का नामांकन-पत्र वापस करवाने में कामयाब रहे। लेकिन सिरसा सीट पर भाजपा ने यहां से हलोपा प्रत्याशी गोपाल कांडा के समर्थन में अपने ही उम्मीदवार रोहतास जांगड़ा का नामांकन-पत्र वापस करवा दिया। यानी सिरसा में भाजपा अब गोपाल कांडा का समर्थन करेगी। सिरसा सीट पर बने नये राजनीतिक समीकरणों ने इनेलो-बसपा गठबंधन को बड़ी दुविधा में फंसा दिया है। इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला और गोपाल कांडा सिरसा में मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। सिरसा सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन ने हलोपा की मदद करने का ऐलान किया था। वहीं बाकी के चार हलकों पर इनेलो-बसपा गठबंधन उम्मीदवारों की मदद गोपाल कांडा को करनी थी।
इससे पहले रविवार को गोपाल कांडा एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में इनेलो-बसपा गठबंधन के सामने चुनौतियां खड़ी कर चुके हैं। गोपाल कांडा ने प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा था कि इनेलो-बसपा और हलोपा गठबंधन के सहयोग से राज्य में भाजपा फिर से सरकार बनाएगी। गोपाल कांडा का यह बयान और सिरसा में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना इनेलो के लिए राजनीतिक रूप से काफी घाटे का सौदा साबित हो सकता है। इसी वजह से इनेलो ने साफ कर दिया है कि कांडा के भाजपा के साथ जाने के बाद इनेलो-बसपा गठबंधन हलोपा को समर्थन के फैसले पर पुनर्विचार करेगा। गोपाल कांडा ने 2019 में सिरसा से जीत हासिल करने के बाद भाजपा को समर्थन दे दिया था। वे तभी से भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं।
इधर, भाजपा ने जैसे ही सिरसा से अपने प्रत्याशी का परचा वापस करवाया तो कांडा ने भी कालांवाली हलके से अपने उम्मीदवार हरमंदिर मराड़ को भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र देशुजोधा के समर्थन में बैठा दिया। इनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने कांडा के गठबंधन में सरकार बनाने के दावे पर कहा कि यह उनका निजी बयान हो सकता है। इनेलो-बसपा गठबंधन का उनके बयान से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि कांडा से इस बारे में पूछा भी जाएगा। यदि वे स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाते तो इनेलो-बसपा गठबंधन समर्थन को लेकर नये सिरे से विचार करेगा। यहां बता दें कि हलोपा, एनडीए का पार्ट है। राज्यसभा चुनावों के दौरान भी कांडा ने भाजपा का ही साथ दिया था।
इनेलो ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
इनेलो ने सिरसा हलके में नए सिरे से चुनाव चिह्न अलॉट करवाने की मांग की है। इनेलो की ओर से भारत के चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि सिरसा हलके में सोमवार दोपहर दो बजे बजे चुनाव चिह्न अलॉट किए गए। वहीं नामांकन वापसी का समय दोपहर तीन बजे का था। नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने से पहले चुनाव चिह्न नियमानुसार बांटे नहीं जा सकते। मगर सिरसा में निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव चिह्न आवंटन में गलती की है। इस प्रकार की बड़ी गलती चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है। इस गंभीर उल्लंघन को देखते हुए इनेलो ने सिरसा विधानसभा में चुनाव रद करवाने और नए सिरे से चुनाव करवाने की मांग की है।
कांग्रेस-भाजपा अपने बूते सत्ता में नहीं आ सकती : अभय
सिरसा/आनंद भार्गव : भाजपा प्रत्याशी के द्वारा नामांकन वापस लेने और गोपाल कांडा को समर्थन देने की घोषणा के बाद इनेलो नेता एवं ऐलनाबाद से प्रत्याशी अभय चौटाला ने कहा कि अगर भाजपा गोपाल को समर्थन देती है तो इनेलो बसपा गठबंधन अपने समर्थन को लेकर विचार विमर्श करेगा। उन्होंने कहा कि समर्थन देने की घोषणा कोई भी कर सकता है, लेकिन देखना है कि क्या गोपाल कांडा भाजपा का समर्थन लेते हैं। सारी बात की पड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा आज इस हालात में हैं कि दोनों अपने बलबूते पर सत्ता में नहीं आ सकती। इनेलो व बसपा सत्ता की तरफ बढ़ रही है। आज नामांकन वापस हुए हैं, जो कांग्रेस और भाजपा से अलग हटकर चुनाव लड़ेंगे तो हम उनसे बातचीत करेंगे।