दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 25 अगस्त
नयी दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित हिमाचल सदन में इन दिनों हलचल बढ़ी हुई है। हिमाचल प्रदेश की बजाय हरियाणा के कांग्रेसियों का यहां जमावड़ा लगा रहता है। कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने हिमाचल सदन को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। वे सदन के रूम नंबर-205 में ही लम्बे समय से रुके हैं। सुबह दस बजे से लेकर रात को दो बजे तक उनकी वर्किंग चलती रहती है। दिनभर वे टिकट मांगने वाले नेताओं के इंटरव्यू भी ले रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पर वरिष्ठ नेता अजय माकन की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी भी सोमवार से काम शुरू कर देगी। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें लगातार चार-पांच दिन चलेंगी। कमेटी द्वारा सभी नब्बे हलकों के लिए फाइनल पैनल तैयार किए जाएंगे।
कमेटी की यह कोशिश रहेगी कि अधिक से अधिक विधानसभा सीटों पर सिंगल नाम का ही पैनल तैयार हो। कहीं विवाद होने की स्थिति में ही दो से तीन नाम पैनल में शामिल होंगे। कांग्रेस ने टिकट मांगने वाले नेताओं से आवेदन करने को कहा था। 3 जुलाई से शुरू हुई प्रक्रिया 10 अगस्त तक जारी रही और इस दौरान नब्बे हलकों के लिए 2250 से अधिक नेताओं ने टिकट की डिमांड की।
सामान्य वर्गों के लिए 20 हजार तथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए आवेदन की फीस पांच हजार रुपये निर्धारित की गई थी। पिछले दिनों नयी दिल्ली में हुई स्टेट इलेक्शन कमेटी की मीटिंग में आवेदनों की छंटनी करके पैनल बनाने का निर्णय लिया था। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया व प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान को आवेदनों की छंटनी करके पैनल बनाने के लिए अधिकृत किया गया था। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस द्वारा आवेदनों की छंटनी करके पैनल बनाए जा चुके हैं। अब ये पैनल स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन के पास भेजे जाएंगे। माकन की अध्यक्षता वाली कमेटी पार्टी नेतृत्व के अलावा हरियाणा कांग्रेस द्वारा करवाए गए सर्वे की रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी।
अगर कमेटी काे लगेगा तो वह अपने स्तर पर भी शॉर्ट पीरियड में सभी नब्बे हलकों या जरूरत के हिसाब से हलकों पर सर्वे करवा सकती है। इसके बाद ही कमेटी की ओर से फाइनल पैनल तैयार किए जाएंगे।
दिग्गजों के पास जाएगा एकमात्र नाम
कांग्रेस से जुड़े जानकार बताते हैं कि पार्टी के दिग्गज नेताओं से जुड़े हलकों पर सिंगल ही नाम होगा। इनमें उचाना कलां, होडल, गन्नौर, थानेसर, अंबाला कैंट, कैथल, पलवल, राई, महम, कोसली, अटेली, नारनौल, नांगल-चौधरी, गुरुग्राम, सोहना, बड़खल, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पृथला, हथीन, बाढ़डा, लोहारू आदि प्रमुख हैं। इतना ही नहीं, जिन सीटों पर कई-कई दिग्गज नेता टिकट मांग रहे हैं, उनमें सहमति बनाने की भी कोशिश हो रही है।
अधिकांश सिटिंग विधायकों को टिकट संभव
दिल्ली से जुड़े कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के मौजूदा 28 विधायकों में से अधिकांश को टिकट मिलने की उम्मीद है। इनमें गढ़ी-सांपला-किलोई, रोहतक, झज्जर, बादली, बहादुरगढ़, नूंह, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना, एनआईटी, रादौर, नारायणगढ़, डबवाली, कालांवाली, लाडवा, बरोदा, असंध, कलानौर जैसे ऐसे कई हलके हैं, जहां से सिंगल ही नाम का पैनल बनेगा। आमतौर पर कांग्रेस सिटिंग-गैटिंग का फार्मूला अपनाती रही है। इस बार भी ऐसा ही होने की प्रबल संभावना है। हालांकि कुछ विधायकों के खिलाफ बनी एंटी-इन्कमबेंसी की रिपोर्ट भी पार्टी के पास है। ऐसे में कुछ सीटों पर बदलाव की गुंजाइश भी बनी रहेगी।