गुरुग्राम, 3 मई (हप्र)
समय पर प्रॉपर्टी डिलीवरी नहीं करने और हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की गुरुग्राम बैंच के आदेश के बाद भी अलाॅटीज को भुगतान नहीं करने पर अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर्स के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। इससे पहले निर्णायक अधिकारी ने इन्हें अपना पक्ष रखने का समय दिया, लेकिन इनकी ओर से उत्तर नहीं मिलने पर कड़ा फैसला लिया गया।
राजीव शर्मा समेत 5 लोगों की शिकायतों पर सुनवाई करते हुए हरेरा ने अंसल हाउसिंग लिमिटेड को अलाॅटीज का पैसा वापस लौटाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत अंसल को 9‐3 प्रतिशत ब्याज के साथ अलाॅटीज द्वारा दी गई राशि वापस लौटानी थी। हरेरा के आदेशों की अनदेखी करते हुए कंपनी की ओर से न तो पैसे लौटाए गए और न ही प्रतिउत्तर दिया गया। हरेरा के निर्णायक अधिकारी की ओर से मौखिक सुनवाई का मौका भी अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर्स को दिया गया। इसके बावजूद कंपनी की ओर से कोई न्यायालय के सामने प्रस्तुत नहीं हुआ। अदालत ने कंपनी का बैंक खाता अटैच करने के आदेश जारी कर दिए तो बैंक मैनेजर ने बैंच के समक्ष प्रस्तुत होकर बताया कि खाता खाली है। इसमें कोई पैसा ही नहीं है। इस पर अंसल हाउसिंग लिमिटेड के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल, करुण अंसल, एसएल कपूर व अशोक खन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। इसके साथ ही अदालत ने उक्त कंपनी के प्रबंधकों को भी सम्मन जारी किए हैं।
हरेरा गुरुग्राम बैंच के चेयरमैन केके खंडेलवाल का कहना है कि अचल संपत्ति इकाई को समय पर डिलिवर नहीं करना और आवंटियों को राशि वापस न करने के मामले चिंता का विषय हैं। रियल एस्टेट कंपनियों के बेहतर और सुचारू कामकाज के लिए नियमों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ इस तरह के कड़े फैसले लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अंसल को करीब पांच करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करना था लेकिन इस फैसले के खिलाफ कंपनी की ओर से न तो अपील की और न ही पैसे का भुगतान किया गया। यह अदालत की अवमानना के समान है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।