कैथल, 6 जून (हप्र)
चुनाव संपन्न होने के साथ ही जिले में बिजली संकट गहराने लगा। अघोषित पावर कटों से जनता परेशान है। ग्रामीण क्षेत्रों में और शहरों में पेड़ों के नीचे बैठकर लोग हाथ का पंखा झलते हुए आमतौर पर देखे जा सकते हैं। इलेक्ट्रिक का काम करने वाले और पंखे, कूलर, एसी का बिजनेस करने वाले लोगों का काम धंधा ठप पड़ा है।
हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि हरियाणा में 24 घंटे बिजली उपलब्ध रहेगी लेकिन यह दावा केवल कागजों तक सिमट कर रह गया है। लोग दिन भर यहां वहां बैठे बिजली विभाग को कोसते रहते हैं।
बताया गया है कि बिजली न आने का असर पानी की सप्लाई पर भी पड़ रहा है। बिजली नहीं होगी तो पानी भी नहीं आएगा। लोगों को हाथों में खाली बर्तन लिए पानी की तलाश में हैंडपंपों के पास देखा जा सकता है। छोटा-मोटा काम धंधा फैक्ट्री और कारखानों के संचालक बिजली न आने के कारण खाली बैठे हैं। उनके उत्पादन भी विपरीत असर पड़ रहा है।
यदि विभाग के किसी अधिकारी से इस बारे में बात करें तो एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि बिजली पीछे से बंद है अथवा मरम्मत का काम चल रहा है। देखने वाली बात यह है कि चुनाव से पहले बिजली पीछे से बंद क्यों नहीं हुई और तब यह मरम्मत के काम क्यों नहीं चला।
‘आंधी में पेड़ गिरने से आई समस्या’
यूएचबीवीएन के कार्यकारी अभियंता मुनीष कुमार का पक्ष था कि एक दो बार आंधी आने के कारण बिजली सप्लाई बाधित हुई थी। कुछ जगह बिजली की लाईनों पर पेड़ गिरने से समस्या आई थी लेकिन उसे ठीक करवा दिया गया है। उन्होंंने कहा कि बिजली की कोई समस्या नहीं है।