अम्बाला शहर, 12 सितंबर (हप्र)
आशा वर्कर्स ने बैठक में कहा कि विधानसभा चुनावों में प्रदेश भर की आशाओं ने महिलाओं की आवाज को पुलिसिया दमन से दबाने वाली भाजपा को सबक सिखाने की ठान ली है। यही संदेश सभी वर्कर्स तक पहुंचाने के लिए जिला की विस्तारित बैठक सिविल सर्जन कार्यलय के सामने लेबर शेड में की गई।
बैठक के बाद प्रधान कविता शर्मा व सचिव सर्वजीत कौर ने कहा कि पिछले 10 सालों में मनोहर सरकार हो या नायब सरकार, किसी ने भी वर्कर्स की नौकरी को पक्का करने व न्यूनतम वेतन 26 हजार की मांग को पूरा नहीं किया। उल्टे आशा वर्कर्स के शांतिपूर्वक आंदोलन को कुचलने के लिए महिलाओं की घरों में नजरबंदी की गई व बालों से पकड़कर सड़कों पर घसीटा गया। पंचकूला जाने से रोकने के लिए कई बार गिरफ्तार कर रात को दूरदराज स्थानों पर छोड़ा गया। इस दमन के चलते कई आशा वर्कर्स को जान से हाथ धोना पड़ा। अम्बाला कैंट में तो वर्कर्स पर पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री ने आंदोलनकारियों से बात करने की बजाय जमकर कहर ढाया। इसलिए अब एक एक लाठी व दमन और उत्पीड़न का हिसाब चुकता करने का समय आ गया है। प्रधान व सचिव ने कहा कि लोकसभा चुनावों में करारी हार के बावजूद हालात में कोई सुधार नहीं है। आज भी वर्कर्स को पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। ऊपर से वर्कर्स का टेस्ट लेने का फरमान जारी कर दिया गया है। आशा को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। इन हालात में भाजपा को सबक सिखाना जरूरी हो गया है। इसके लिए हर सीएचसी पर बैठक की जाएगी। बैठक में सीआईटीयू नेता सतीश सेठी व रोडवेज कर्मियों के नेता इंद्रसिंह बधाना ने भी भाग लिया।