कुरुक्षेत्र, 15 नवंबर (हप्र)
कांग्रेस के विधायक एवं पूर्व मंत्री रहे अशोक अरोड़ा ने हरियाणा विधानसभा के सत्र के दौरान थानेसर हलके की समस्याओं व अन्य जनहित के मुद्दों थानेसर में फैल रहे डेंगू , बिगड़ती कानून व्यवस्था, डीएपी खाद का संकट, एमएसपी का मुद्दा, पराली जलाने की समस्या, ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर की पवित्रता बरकरार रखने और गीता जयंती का व्यवसायीकरण करने, नगर परिषद में कौशल रोजगार निगम के तहत लगाए गए कर्मचारियों की जांच करने, बेसहारा गौवंश के कारण लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने व मारे जाने जैसे मुद्दों को विस अध्यक्ष के समक्ष उठाया। अशोक अरोड़ा ने कहा कि डेंगू के प्रकोप के कारण जनता में हा-हाकार मची हुई है। सारे अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। सरकार ने फॉगिंग करवाना बंद कर रखा है। उनका आरोप है कि सरकार जनता को डेंगू के प्रकोप से बचाने की बजाए आंकडों के खेल में उलझी है और डेंगू के आंकडे कम दिखाकर अपनी पीठ थपथपा रही है। नगर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
अशोक अरोड़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में उठाए गए मुद्दों पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एक ओर तो सरकार बिना पर्ची खर्ची के नौकरी देने का दावा करती है जबकि थानेसर नगरपरिषद में लगाए गए लगभग 50 कर्मचारी कौशल रोजगार निगम के तहत लगाए गए हैं, ये कर्मचारी किसके कहने पर रखे गए, इस मामले की जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में गीता जयंती के अवसर पर ब्रह्मसरोवर के तट पर फूड कोर्ट दिए जा रहे हैं जिससे वहां खाने वाले लोग डोने व पत्ते इत्यादि सरोवर में डाल देते हैं जिससे सरोवर की पवित्रता भंग होती है। उन्होने मांग रखी कि ब्रह्मसरोवर व सान्निहित सरोवर की पवित्रता बरकरार रहनी चाहिए।