फरीदाबाद, 27 मई (हप्र)
सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम के स्थापना दिवस एवं संस्थापक बैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज की जयंती के अवसर पर आज देश-विदेश से हजारों की संख्या में भक्तों ने जुटकर मेले का रूप दे दिया। इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा निकाली गई, वहीं भक्ति संगीत, प्रवचन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भी भक्तों ने भागीदारी की।
इस अवसर पर अपने प्रवचन में पीठाधिपति जगद्गुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि गुरु महाराज करुणा के सागर थे। वह हर वर्ग के व्यक्ति को गले लगाते थे। उन्होंने अपने दरबार पर आने वाले हर दीन-दुखी को मां के जैसा प्रेम दिया, पिता के जैसा सहारा दिया और गुरु के रूप में शिक्षा दी। इन तीनों रूपों में उन्होंने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के गुणों को साकार दिखाया। वह भक्तों के भूत, भविष्य और वर्तमान बिना बताए जान लेते थे। उनका यह वचन था कि यहां आने वाले को भुक्ति और मुक्ति की प्राप्ति में कोई संशय नहीं रहेगा और यह सच है।
इससे पहले स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने बैकुंठवासी स्वामी की मूर्ति का सविधि अभिषेक किया और लोक कल्याण के लिए उनसे प्रार्थना की। उन्होंने इसके बाद शाम को निकाली विशाल शोभायात्रा को भी सान्निध्य प्रदान किया।
इस अवसर पर बग्गी, ढोल, ताशे, धर्म ध्वजाओं के साथ भक्तों ने गुरुजी के जयकारों के साथ प्रफुल्लित मन से कार्यक्रम में भागीदारी की। रंग बिरंगी रोशनी में सजा आश्रम एवं दिव्यधाम एवं सूरजकुंठ मार्ग बेहद अनूठा प्रतीत हो रहा था।