भिवानी, 5 अक्तूबर (हप्र)
देश की आजादी से लेकर आज तक भेदभाव की राजनीति झेल रहे एससी-बीसी वर्ग को पहले ही काफी पीछे धकेल दिया गया। जिसके बाद पिछड़ा वर्ग के लोग सामाजिक व राजनीतिक पिछड़ेपन का शिकार झेलने पर मजबूर हो रहे है। इसके बावजूद भी अब भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग की महिलाओं को विधानसभा व लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण के कोटे से बाहर रखकर उनके साथ विश्वासघात किया है। जिसके विरोध में देश भर में ओबीसी वर्ग में रोष है। यह बात राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने आज स्थानीय रोहतक गेट स्थित आरके पार्टी हॉल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा व पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
इस दौरान उन्होंने महिला आरक्षण के अंतर्गत ओबीसी महिलाओं को भी संख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने, महिला आरक्षण के अंतर्गत एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को सेपरेट इलेक्टोरेट के साथ लागू किए जाने, ओबीसी वर्ग को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने, एससी, एसटी के राजनीतिक आरक्षण में सभी सेपरेट इलेक्टोरेट लागू किए जाने, ईवीएम के हटाने की मांग की।
प्रजापति ने कहा कि उपरोक्त मांगों को लेकर 7 अक्तूबर को भिवानी में धरना तथा 17 अक्तूबर को प्रदर्शन कर सरकार को चेताया जाएगा। पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेश महासचिव इंद्र सिंह जाजनवाला ने कहा कि विधानसभा व लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए लाए गए बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को वंचित करना देश के अधूरे विकास के बराबर ही है। इस अवसर पर मनीषा बिरला, अधिवक्ता मीना जांगड़ा, सुशीला प्रधान, सुमित्रा सांगा, गुड्डी लांग्यान, पूर्व पार्षद किरण बाला जोगी, सरला मेहरा, आशा जांगड़ा, सुनीता, रिंकी, अशोक जोगी, गणेशीलाल वर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।