हिसार, 2 मार्च (हप्र)
कृषि मौसम वैज्ञानिकों ने रविवार को भी उत्तरी हरियाणा में बारिश की संभावना जताई है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मदन खीचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण बादल नीचे आ गए और उच्च स्तर पर तापमान कम हो गया जिससे हवा में ओले बन गए जो एक स्ट्रिप के तौर पर करीब एक से दो किलोमीटर क्षेत्र में बरसे हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को उत्तरी हरियाणा के कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला जिलों में बारिश होने की संभावना है और बाकी क्षेत्रों में छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा। शुक्रवार रात व शनिवार शाम को हिसार में भी ओलावृष्टि हुई है।
वहीं, कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सरसों, गेहूं व चने में फलियां बन गई है और दाने बनने भी शुरू हो गए हैं। ऐसे में जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है, वहां पर फसलों को नुकसान भी हुआ है। किसान मनजीत लोहरा ने बताया कि बालसमंद क्षेत्र में काफी ओलावृष्टि हुई है जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के अनुसार सबसे ज्यादा बारिश चंडीगढ़ में 7.4 मिलीमीटर हुई है और उसके बाद पानीपत में 2 मिलीमीटर दर्ज की गई है। इसी प्रकार झज्जर व सोनीपत में 1.5 मिलीमीटर, महेंद्रगढ़ में 1 मिलीमीटर, अम्बाला में 0.9 मिलीमीटर व हिसार में 0.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
नुकसान की भरपाई करे सरकार
कांग्रेस नेताा अनिल मान ने कहा कि चना, सरसों व गेहूं की फसल लगभग तैयार है। किसानों को 15-20 दिन बाद इन फसलों की कटाई की तैयारी करनी थी, लेकिन अचानक तेज हवा के साथ हुई मूसलाधार बारिश से फसलें बिछ गई हैं और आेलावृष्टि से फसलें काफी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि चना, सरसों व गेहूं के साथ-साथ मेथी व जई आदि की उपज पर भी प्रभाव पड़ा है। अनिल मान ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार को हिसार जिले में प्रभावित खेती का तुरंत प्रभाव से सर्वेक्षण करवाना चाहिए। उस सर्वेक्षण के आधार पर किसानों को राहत प्रदान करनी चाहिए।