दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 सितंबर
हरियाणा कांग्रेस के नये प्रभारी विवेक बंसल को प्रदेश की सियासी पिच पर उतरते ही चुनौतियों का सामना करना होगा। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी से निपटने के लिए बंसल को पूरा ‘विवेक’ दिखाना होगा। उनके पूर्ववर्ती प्रभारी भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को एक नहीं कर सके थे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह ही गुलाम नबी आजाद की हरियाणा से ‘छुट्टी’ करके प्रदेश प्रभारी की कमान विवेक बंसल को सौंपी है। बंसल अधिकारिक तौर पर बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में अपना कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ परिचायत्मक बैठक करने का फैसला लिया है। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा, पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी, कैप्टन अजय सिंह यादव सहित तमाम वरिष्ठ नेता व विधायक बुलाए गए हैं। इतना ही नहीं, इस बैठक में 2019 के लोकसभा और फिर इसी वर्ष अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले लोकसभा व विधानसभा उम्मीदवारों को भी आमंत्रित किया है। संगठन को मजबूत करने के मुद्दे पर वे सभी से राय जानेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला बुधवार को ‘ताकत’ दिखाएंगे। उन्होंने नई दिल्ली से कैथल तक पहुंचने का शेड्यूल जारी कर दिया है।
बरोदा उपचुनाव भी चुनौती
विवेक बंसल के सामने इस गुटबाजी से निपटना तो एक चुनौती है ही, साथ ही उन्हें जिला व ब्लाक स्तर पर भी संगठन को खड़ा करने की हिम्मत दिखानी होगी। सैलजा को प्रधान बने भी एक साल हो चुका है लेकिन वे भी अपनी टीम खड़ी नहीं कर सकी हैं। सोनीपत का बरोदा हलका पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाला एरिया है लेकिन उपचुनाप के लिए पूरी कांग्रेस को रणनीति तय करनी होगी।