चरखी दादरी, 9 नवंबर (हप्र)
पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने कहा है कि साइबर अपराधी अब लोगों को ठगने के लिए डिजिटल अरेस्ट को भी अपना हथियार बना रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट वॉट्सएप कॉल पर की जाने वाली ब्लैकमेलिंग है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहनकर या सरकारी विभाग के कार्यालय जैसा बैकग्राउंड तैयार कर साइबर ठग लोगों को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं।
ऐसे में लोगों को जागरूक रहते हुए ऐसे अपराधियों से बचें और तुरंत पुलिस को सूचना दें। ताकि समय पर ठोस कार्रवाई की जा सके।
एसपी ने शनिवार को बताया कि साइबर ठग लोगों को वॉट्सएप के जरिये यकीन दिलाते हैं कि उनके परिचित के साथ कुछ बुरा हो चुका है या होने वाला है। चूंकि सामने बैठा शख्स पुलिस की वर्दी में होता है तो अधिकांश लोग डर जाते हैं। जिसके बाद उनकी रुपयों की डिमांड के जाल में फंसते चले जाते हैं। साइबर फ्राड से बचाव के लिए सावधानी और सतर्कता ही बेहतर उपाय है।
किसी भी अनजान फोन काल पर अपनी निजी जानकारी जैसे घर का पता, बैंक खाते की डिटेल, आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी ना दें। तुरंत साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करें।