पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 29 सितंबर
शहर थाना पुलिस ने फर्जी कागजात से धोखाधड़ी कर वाहनों की आरसी बनवाने के आरोपी की निशानदेही पर सेल सर्टिफिकेट बरामद कर लिया है। आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि एसडीएम कार्यालय के क्लर्कों के साथ मिलकर बाइक की रजिस्ट्रेशन फीस जमाकर उस पर महंगी कारों का नंबर ले लेते थे। पुलिस अब तत्कालीन क्लर्कों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। फिलहाल, वह अभी भूमिगत है और उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद पता चलेगा कि उसने कितनी गाड़ियों को इस तरीक से पंजीकृत कराया हुआ है। दरअसल, गुड़ मंडी क्षेत्र निवासी अमित के नाम पर एक्सयूवी गाड़ी का पंजीकरण कराया गया था, जबकि उसने ऐसी कोई गाड़ी खरीदी ही नहीं थी। इसकी जांच में सामने आया कि इसमें कई आरोपी संलिप्त है।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
इस खेल में एसडीएम कार्यालय के तत्कालीन क्लर्क भी शामिल है। यह महंगी कारों का पंजीकरण दूसरे के नाम-पते पर करा लेते हैं। इसके बदले में बाइक का रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा कराते। इसके बाद मौका पाकर कार का ट्रांसफर वास्तविक व्यक्ति के नाम पर करा देते हैं। ऐसे में कभी मामले की सच्चाई सामने आने पर इस मामले में वह व्यक्ति पकड़ा जाएगा, जिसके कागजात पंजीकरण में लगे होंगे। पंजीकरण कराने का फर्जीवाड़ा करने वाले लोग फोटोस्टेट करने वालों से मिलीभगत रखते थे। वे फोटोस्टेट कराने आने वालों के कागजात को स्केन कर उनकी कापी निकालकर पंजीकरण कराने वालों को दे देते थे।
आरोपी पुलिस रिमांड पर
पुलिस ने मामले में फोटोस्टेट की दुकान चलाने वाले कुलदीप व बाद में देवली निवासी अनुभव को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था। रिमांड अवधि के दौरान एएसआई राजेश की टीम ने आरोपी से फार्म 21-22 सेल सर्टिफिकेट को बरामद कर लिया है। वह इसके सहारे पंजीकरण कराने के बाद महंगी कारों की आरसी उसके वास्तविक मालिक के नाम पर ट्रांसफर कराते थे। ऐसे में वास्तविक मालिक को पता ही नहीं चलता था। जांच में सामने आया है कि इसमें तत्कालीन तीन क्लर्क संलिप्त थे। जांच अधिकारी ने बताया कि तीनों फिलहाल भूमिगत है और इनकी तलाश को दबिश दी जा रही है। फिलहाल मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।