ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 18 नवंबर
हरियाणा की नायब सरकार ने पूर्व की मनोहर सरकार के समय विधानसभा में पास हुए दो अहम विधेयक वापस ले लिए हैं। शव के सम्मानजनक ‘संस्कार’ तथा संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए पास किए गए विधेयक अब नये सिरे से पेश होंगे। सरकार इन दोनों विधेयकों की कमियों को दूर करने और फिर नये सिरे से बजट सत्र के दौरान इन्हें पेश किया जा सकता है। केंद्र सरकार की आपत्ति व विधेयकों को लेकर दिए गए सुझावों के चलते नायब सरकार को विधेयक वापस लेने पड़े।
ये दोनों ही विधेयक पूर्व की मनोहर सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में पास हुए थे। राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के मार्फत इन विधेयकों को राष्ट्रपति भवन भेजा था। केंद्र ने सुझावों के साथ दोनों विधेयक वापस लौटा दिए। यानी इन विधेयकों को केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई। हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण (हकोका) विधेयक-2023 और हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक-2024 अब नये सिरे से पेश होगा।
सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फरवरी के आखिरी या मार्च के पहले सप्ताह में संभावित बजट सत्र के दौरान संशोधन के बाद नये सिरे से दोनों विधेयक पेश किए जा सकते हैं। सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दोनों विधेयकों में केंद्र सरकार ने कुछ आपत्तियां जताई हैं। इसलिए तकनीकी कमियों को दूर कर दोनों बिलों को संशोधन के बाद फिर से केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक के जरिये प्रदेश सरकार राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाना चाहती है। हकोका से गैंगस्टरों, उनके मुखियाओं और संगठित आपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने में मदद मिल सकेगी।
इसी तरह हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक में किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर छह माह से पांच साल तक कैद व एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।