सिरसा, 9 नवंबर (हप्र)
सीडीएलयू, सिरसा के प्राणीशास्त्र विभाग में शनिवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें उज्बेकिस्तान की विज्ञान अकादमी की प्रो. दिलफुजा जब्बोरोवा ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष प्रो. जोगिंदर सिंह दूहन ने उनका स्वागत किया और कहा कि सीडीएलयू के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक के दिशानिर्देश में ऐसे विशेष व्याख्यानों का आयोजन विभाग में समय-समय पर होता रहता है। टैगोर एक्सटेंशन लेक्चर थिएटर में आयोजित इस व्याख्यान में जंतु विज्ञान विभाग समेत विभिन्न विभागों के 80 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
इस मौके पर प्रो. दिलफुजा ने अपने संबोधन में कृषि में बायोचार के अद्वितीय महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बायोचार, लकड़ी, फसल अवशेष, और खाद जैसे जैविक पदार्थों से निर्मित चारकोल का एक रूप है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के साथ-साथ पौधों की वृद्धि में सहायक है। उन्होंने कहा कि बायोचार का उपयोग न केवल रासायनिक उर्वरकों की खपत को कम करता है, बल्कि मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले लाभकारी बैक्टीरिया को भी सक्रिय करता है।