ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 नवंबर
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि भाजपा सरकार ने एकबार फिर गन्ना किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। सरकार ने गन्ने के रेट में 14 रुपये की मामूली बढ़ोतरी करके किसानों के जख्मों पर नमक छिड़का है। उन्होंने कहा कि खेती बढ़ती लागत के मद्देनजर आज की तारीख में रेट 450 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा होना चाहिए। लेकिन 10 साल सत्ता में रहते हुए भी भाजपा ने मात्र 386 रुपये ही रेट किया है।
भ्ााजपा सरकार द्वारा रेट में जितनी बढ़ोतरी की गई है, इसके मुकाबले खाद, बीज, दवाई, ट्रैक्टर पार्ट्स, खेती उपकरणों, डीजल व लेबर का रेट कई गुणा बढ़ चुका है। इसलिए यह मामूली बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान गन्ने के रेट में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई थी। प्रदेश की सत्ता में जब कांग्रेस आई तो 2005 में गन्ने का भाव मात्र 117 रुपये था। लेकिन कांग्रेस ने अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में लगभग 3 गुणा यानी 165 प्रतिशत बढ़ोतरी करके रेट को 310 रुपये तक पहुंचाया था।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने अपने पूरे कार्यकाल में गन्ने के रेट में मात्र 24 प्रतिशत ही बढ़ोतरी की। इतनी बढ़ोतरी तो कांग्रेस सिर्फ एक साल के भीतर कर देती थी, जितनी भाजपा ने 10 साल में की है। हुड्डा ने कहा कि सरकार द्वारा जिस रेट का ऐलान किया जाता है, उसके लिए भी किसानों को कई-कई महीने, कई-कई साल तरसाया जाता है। हरबार किसानों को गन्ने के भुगतान के लिए आंदोलन करना पड़ता है। इसलिए कांग्रेस की मांग है कि गन्ने के रेट में उचित बढ़ोत्ारी करते हुए सरकार समय पर भुगतान की व्यवस्था करे।