चंडीगढ़, 2 नवंबर (ट्रिन्यू)
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में इन दिनों डीएपी खाद की किल्लत के कारण किसान भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। डीएपी न मिलने के चलते गेहूं की बिजाई प्रभावित हो रही है। जिन किसानों ने खेतों की सिंचाई कर रखी है, उनको समय पर डीएपी खाद न मिलने के कारण अब दोबारा से सिंचाई करनी पड़ेगी जिससे गेहूं की बिजाई लंबित हो जाएगी। गेहूं की बिजाई अब जितनी लेट होगी उत्पादन पर भी उतना ही असर पड़ेगा। जिससे किसानों को और ज्यादा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा।
शनिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में सैलजा ने कहा कि प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं की बिजाई होती है। जो देश के अन्न भंडारण में अहम योगदान देता है। अकेली गेहूं की फसल की बात करें तो इतने रकबे में बिजाई के लिए 60 लाख से अधिक डीएपी के बैग की जरूरत होती है। गेहूं की बिजाई अक्तूबर माह में ही शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को डीएपी का प्रबंध सितंबर माह में ही करना चाहिए था ताकि किसानों को बिजाई के समय में डीएपी की किल्लत का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने समय रहते डीएपी का प्रबंध नहीं किया बल्कि जीत के जश्न में डूबी हुई है। किसानों की परेशानी से भाजपा को जरा भी सरोकार नहीं है। किसानों की हितैषी बताने वाली भाजपा सरकार को गेहूं की बिजाई के समय में डीएपी उपलब्ध करा कर किसान विरोधी सरकार होने का प्रमाण दे रही है। सैलजा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार क्षेत्र अनुसार भी किसानों के साथ भेदभाव कर रही है।