रेवाड़ी, 22 मार्च (हप्र)
एक महिला चिकित्सक को लोन की एप्लीकेशन डाउनलोड करने पर जिन यातनाओं से गुजरना पड़ा, वह चौंकाने वाली है। ब्लैकमेल कर उससे 10 लाख रुपये वसूलने के बाद भी अपराधियों ने उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर आघात पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। धारूहेड़ा थाना पुलिस ने केस दर्ज कर उन देशी व विदेशी नंबरों को खंगालना शुरू कर दिया है, जिनसे फोन कर महिला से विभिन्न खातों में रुपयों की वसूली की गई थी।
मूलरूप से श्रीगंगानगर राजस्थान की रहने वाली यह महिला डाक्टर फिलहाल पिछले 6 सालों से जिला की एक सोसायटी में रहती है। उसने अपना दर्द बयां करते हुए मंगलवार को पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि 10 दिसम्बर 2021 को उसके मोबाइल फोन पर मैसेज आया कि आपके नंबर पर 3 लाख रुपये का लोन अप्रूव्ड हो गया है। साथ में हाइपर-लिंक वेब एड्रस भेजा गया। जिस पर क्लिक करते ही वह गूगल प्ले स्टोर पर ले गया। जहां पर 3 कैशपार्क, लोन होम व कैश एडवांस चाइनीज लोन एप्लिकेशन दर्शाई गई थीं। इनको डाउनलोड करने का नोटिफिकेशन आया। डाउनलोड करते ही उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड, खाता नंबर व फोटो मांगी गई। यह जानकारी अपलोड करने के बाद उसके खाते में अलग-अलग समय पर लोन के 30 हजार रुपये आए और महिला ने उक्त राशि दी गई अवधि में पेटीएम के माध्यम से चुका दी थी। महिला डाक्टर ने बताया कि तत्पश्चात उसके मोबाइल फोन पर 5 लाख रुपये लोन का प्रलोभन दिया गया। उसने बहकावे में आकर एपीके कैश पार्क एप्लिकेशन डाउनलोड की। लेकिन उसे कोई लोन की प्राप्ति नहीं हुई और यहीं से उसकी मानसिक प्रताड़ना शुरू हो गई।
देशी-विदेशी नंबरों से आती थी कॉल, मैसेज
महिला के अनुसार अपराधियों ने ट्रू कॉलर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके उसके फोन को हैक कर लिया और पूरी कांटेक्ट लिस्ट चुरा ली। 1 फरवरी 2022 से उसके मोबाइल फोन पर देशी व विदेशी नंबरों से लगातार कॉल व व्हाट्सअप मैसेज आए कि आपकी तरफ लोन बाकी है। 15 फरवरी के बाद कॉल व मैसेज के साथ-साथ उसकी फोटो के ऊपर ‘लोन चोर है’ लिखकर व्हाट्सअप पर भेजा और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया गया। फोनकर्ताओं द्वारा कहा गया कि वह 50 हजार रुपये हर रोज बताए हुए पेटीएम एड्रस पर भेजे, अन्यथा सभी कॉनटेक्ट्स को फोटो के साथ उक्त मैसेज शेयर कर दिया जाएगा। महिला ने कहा कि 17 मार्च को उसकी फोटो पर अश्लील कार्य करने का मैसेज उसके फोन नंबर के साथ लिखकर वायरल कर दिया गया। जिसके कारण उसे भारी मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उसने बताया कि ब्लैकमेलिंग के दौरान अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बचाने के लिए उसने अलग-अलग तिथियों को पेटीएम के माध्यम से अपराधियों के खाते में 10 लाख रुपये जमा करा दिए, लेकिन इसके बाद भी उनकी ब्लैकमेलिंग नहीं रुकी। धारूहेड़ा थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।