भिवानी, 11 अगस्त (हप्र)
एक राजनीतिक व्यक्ति से अधिक सामाजिक व्यक्ति के रूप में पहचान रखने वाले पूर्व शिक्षामंत्री हीरानंद आर्य के 84वीं जयंती पर भिवानी की जाट धर्मशाला में आयोजित एक कार्यक्रम में उनके नाम से एक पुस्तक का विमोचन किया गया। आर्य प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आर्यवेश ने एक सहज व्यक्तित्व नामक एक पुस्तक का विमोचन किया। 168 पृष्ठों की इस पुस्तक में पूर्व मंत्री हीरानंद आर्य के संघर्ष व जीवन की गाथा को लेखक मनीराम खरबास द्वारा लिखा गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न समाजसेवी व प्रबुद्ध व्यक्तियों ने उनके जीवन आदर्शों पर अपने व्यक्तव्य दिए। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे स्वामी आर्यवेश, पुस्तक के लेखक मनीराम खरबास ने बताया कि चौ. हीरानंद आर्य ने एक गृहस्थ संन्यासी की तरह अपना जीवन बिताया। वे ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने मृत्यु भोज, दहेज प्रथा व शराब बंदी के खिलाफ सामाजकि जनजागरण का कार्य किया। राजनीतिक रूप से वे चौ. बंसीलाल के धुर विरोधी थे। इसके बावजूद भी जब चौ. बंसीलाल ने 1996 में शराबबंदी की, तब उन्होंने हर मंच से चौ. बंसीलाल के शराबबंदी के निर्णय को सराहा, लेकिन जब राजनैतिक कारणों के चलते शराबबंदी वापस ली गई तो उन्होंने दुख प्रकट किया तथा दो दिन तक खाना नहीं खाया । वे आपातकाल के दौरान 1975 में जेल में गए। इस मौके पर चौ. हीरानंद आर्य के पुत्र संदीप पायलेट ने चौ. हीरानंद आर्य के जीवन आदर्शों को आगे बढ़ाने की बात कही।
इस मौके पर आर्य प्रतिनिधि सभा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आर्यवेश, एडवोकेट एनके जैन, विंग कमांडर संदीप आर्य, पुस्तक के लेखक मनीराम खरबास, कामरेड ओमप्रकाश, कमल सिंह प्रधान, डॉ. केडी शर्मा, प्रो. मनोज सिवाच सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।