चंडीगढ़, 5 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की अवधि बढ़ा दी गई है। बृहस्पतिवार को जारी किए गए शैड्यूल के हिसाब से बजट सत्र 16 मार्च तक चलना था। शुक्रवार को विधानसभा में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में सत्र का शैड्यूल तय किया गया।
बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर, डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला, डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर व कांग्रेस की ओर से चीफ व्हिप व नूंह से विधायक आफताब अहमद मौजूद रहे। शुक्रवार को राज्यपाल अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत हुई। शनिवार व रविवार को अवकाश रहेगा। इसके बाद 8 मार्च को दोपहर 2 बजे सत्र शुरू होगा और प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा होगी। 9 को भी अभिभाषण पर चर्चा होगी। इसके बाद सीएम का रिप्लाई भी आ सकता है। अगर इसमें देरी होती है तो सीएम 10 को रिप्लाई देंगे। 10 मार्च को विधायी कामकाज निपटाए जाएंगे। माना जा रहा है कि इसी दिन सरकार कई विधेयक सदन में पेश करेगी। 11 को महाशिवरात्रि की छुट्टी रहेगी। 12 मार्च को सीएम मनोहर लाल खट्टर भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे। वित्त विभाग सीएम के पास ही है। बीएसी की बैठक में तय किया गया है कि 12 को प्रश्नकाल नहीं होगा। सदन की कार्यवाही सीधे सीएम की बजट स्पीच से होगी। 13 को शनिवार व 14 को रविवार का अवकाश रहेगा। सोमवार यानी 15 मार्च से बजट पर चर्चा शुरू होगी। 16 मार्च को भी बजट पर चर्चा ही होगी। 17 मार्च को सीएम विधायकों द्वारा बजट को लेकर उठाए जाने वाले मुद्दों, सुझावों एवं मांगों पर जवाब देंगे।
बजट की कार्यवाही 18 मार्च तक चलेगी। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री ने ही सत्र की अवधि दो दिन बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इससे पहले 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सदन में महिलाओं के मुद्दों को लेकर चर्चा हो सकती है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि जरूरत पड़ी तो सत्र को 19 तक भी चलाया जा सकता है।
महिला दिवस पर महिलाएं चलाएंगी सदन : हरियाणा के इतिहास में पहली बार महिला दिवस के अवसर पर पांच महिला विधायकों द्वारा सदन की कार्यवाही का संचालन किया जाएगा। विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने पांच महिला विधायकों को नामित किया। इससे पहले मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल तथा हुड्डा सरकार के समय में महिला दिवस पर विधानसभा सत्रों के दौरान महिलाओं के संबंध में न केवल बड़ी घोषणाएं होती रही हैं बल्कि महिला दिवस के अवसर पर महिला विधायकों को ही बुलवाया जाता है।