नारनौल, 11 फरवरी (हप्र)
भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन के सदस्यों ने आज विरोध प्रदर्शन कर सरकार द्वारा बनाये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खुला मांगपत्र उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित किया।
इस अवसर पर संगठन के प्रधान सीताराम ने कहा कि देश के मजदूरों, किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानूनों को लेकर जनता जो आक्रोश और पीड़ा व्यक्त कर रही है, उसको तुरंत सुना जाये। सरकार इस शांतिपूर्ण अहिंसक आंदोलन को दबाने के लिए आलोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। सरकार की इस कार्रवाई की मजदूर यूनियन घोर निंदा करती है। इससे पहले सरकार ने कर्मचारी मजदूर विरोधी कानून पास करके 8 घंटे के कार्य-समय को 12 घंटे कर दिया और मालिकों को मजदूरों के खुले शोषण का कानून बना दिया।
इस अवसर पर जिले के मजदूरों की समस्याओं को लेकर भी एक प्रार्थना पत्र उपायुक्त को सौंपा गया। जिसमें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल करने तथा 90 दिन के कार्य दिवस के तसदीक मामले को आसान करने, मजदूरों के साथ दुर्घटनाएं आदि होने पर उनको लाभ देने के मामले शामिल हैं। इस अवसर पर शेर सिंह, उर्मिला, बाबूलाल, संजय, सतबीर, मनोज, भूप सिंह, त्रिलोक, महावीर, मदन, रूपचंद, रणबीर, प्रदीप, सुरेश, विनोद, सुनीता, आशा रानी व भानी आदि उपस्थित थे।
सार्वजनिक उपक्रमों को बेचना लोगों से धोखा
संगठन के प्रधान सीताराम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसान मजदूरों की खून-पसीने से खड़े किए गए सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर देश की जनता के साथ धोखा किया है। इस वैश्विक मंदी के दौरान कॉर्पोरेट घरानों को बचाने के लिए केंद्र सरकार करोड़ों लोगों को बदहाली और कंगाली में धकेल रही है।