कनीना, 3 जून (निस)
कनीना में 40 वर्ष पहले बनाये बस स्टैंड भवन के कंडम होने पर तोड़ दिये जाने के 6 माह बाद भी यात्रियों को तपती गर्मी में सिर ढकने की जगह नसीब नहीं हुई है। ऐसे में यात्रियों को धूप में बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। बस स्टैंड भवन तोड़े जाने के बाद उड़ती धूल के बीच बसों का आना-जाना हो रहा है।
बस स्टैंड भवन तोड़े जाने के बाद यात्री गर्मी, आंधी-बारिश के समय खुले आसमान के नीचे बसों का इंतजार करने पर मजबूर हैं। यात्रियों को भवन के साथ-साथ बैठने की सीटें, शौचालय एवं पेयजल की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। कनीना बस स्टैंड से कोसली, दादरी, भिवानी, रेवाड़ी, गुरुग्राम, दिल्ली, अटेली, नारनौल, जयपुर,महेंद्रगढ़ सहित विभिन्न स्थानों के लिए रोडवेज एवं सहकारी समिति की बसों से करीब तीन हजार यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। एडवोकेट मनोज शर्मा, राहुल मित्तल, मोती कुमार ने गर्मी तथा आंधी-बारिश से बचाव के लिए बस स्टैंड का नया भवन बनने तक अस्थायी रूप से टीनशेड लगाने तथा शौचालय एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है। इस बारे में हरियाणा राज्य परिवहन नारनौल के महाप्रबंधक अनीत यादव ने बताया कि कनीना बस स्टैंड भवन तोड़े जाने के बाद हरियाणा के चीफ आर्किटेक्ट की ओर से नक्शा तैयार किया जा चुका है। यात्रियों की सुविधा के लिए शीघ्र ही अस्थायी टीनशेड लगवाया जायेगा। इसके लिए उनकी ओर से मौका निरीक्षण किया जा चुका है। इसके लिए प्रदेश मुख्यालय से मंजूरी मिल गई है। शौचालय तथा टीनशेड की जल्द व्यवस्था की जाएगी।