सोनीपत, 3 नवंबर (हप्र)
भाई-बहन के पवित्र प्रेम का त्योहार भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखा और मंदिरों में पूजा अर्चना भी की। बहनों ने भाइयों को तिलक किया और मिठाई खिलाई। भाइयों ने बहनों को उपहार दिए। भैया दूज पर्व के कारण बसों में महिलाओं की भीड़ रही। सामान्य बस अड्डे पर काफी देर तक बसों के काउंटर पर लगाने का इंतजार करती रही। सुबह से ही शहर की सड़कोंं पर वाहनों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। इससे वाहन रेंगते दिखाई दिए। त्योहारी सीजन में रोडवेज की तरफ से सभी बसों को रूटों पर चलाया गया जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं झेलनी पड़े। भैया दूज पर महिलाओं का अधिक आना-जाना होता है। इसलिए रविवार को सामान्य बस अड्डे पर अधिक भीड़ रही। जिन रूटों पर केवल प्राइवेट बस ही चलती है, उन रूटों पर महिलाओं को बस के लिए करीब एक घंटा तक इंतजार करना पड़ा।
इनमें बहादुरगढ़, गन्नौर, खरखौदा सहित कई रूट शामिल हैं। वहीं, बडौता जाने के लिए भी महिलाओं को बस के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। सीट पाने के लिए यात्री बसों की ओर दौड़ लगाते नजर आए। बसों में सीटों की संख्या के मुकाबले में अधिक यात्री सवार हुए। महिलाओं को खड़ा होकर यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
खुली रही दुकानें
रविवार को बाजार बंद रहते हैं, लेकिन भैया दूज पर्व पर दुकानें खुली रही। बहनों ने भाइयों के लिए नारियल और मिठाई खरीदी। त्योहार के चलते पूरे दिन बाजारों में भी रौनक छाई रही। सबसे ज्यादा भीड़ मिष्ठान भंडारों पर देखी गई। नारियल के रेटों में भी खासा इजाफा देखने को मिला। नारियल का रेट 250 से 270 रुपये प्रति किलो हो गया। रविवार को फलों के रेट भी आसमान छूते दिखाई दिए। भाई बहन के पवित्र त्योहार पर भाइयों ने भी बहनों को उपहार दिए। उपहार तलाशने के लिए गिफ्ट सेंटर व शोरूमों पर लोगों की भीड़ रही।
भाई की दीर्घायु की कामना की
नारनौल (हप्र): भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज का पावन पर्व श्रद्धा एवं हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगा कर एवं मिठाई खिलाकर उनकी लम्बी आयु की कामना की। इस मौके पर भाइयों ने भी अपनी बहनों को मुसीबत में उनकी रक्षा एवं हर संभव मदद करने का वचन दिया। दीपावली पर्व के तीसरे दिन मनाए जाने वाले भैयादूज पर्व को लेकर बहनों में भारी उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर शादीशुदा बहनों ने सुबह-सवेरे ही अपनी ससुराल से चल कर मायके पहुंची और थाली में तिलक सजाकर अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाया और उन्हें स्वयं द्वारा खरीदी गई मिठाई खिलाकर उनकी लंबी आयु की कामना की। इस अवसर पर भाइयों ने भी अपनी बहनों को मुसीबत में उनकी रक्षा एवं हर संभव मदद करने का वचन दिया। साथ ही भाइयों ने अपनी श्रद्धा अनुसार बहनों को बतौर दान पैसे व कपड़े भेंट किए। अविवाहित बहनों ने भी भैया दूज पर थाली सजा कर अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगा कर एवं उन्हें मिठाई खिलाकर उनकी दीर्घायु की कामना की।