हिसार, 8 नवंबर (हप्र)
हांसी के पूर्व एसडीएम और निलंबित एचसीएस अधिकारी कुलभूषण बंसल के खिलाफ हिसार पुलिस ने कुकर्म और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। एक वीडियो के वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार ने एचसीएस अधिकारी को निलंबित कर दिया था।
पुलिस के अनुसार, यह मामला भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया है, क्योंकि यह घटना नए कानून लागू होने से पहले की है। 1 जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता में कुकर्म के अपराध को अब अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है।
हिसार के एएसपी राजेश कुमार मोहन ने बताया कि पीड़ित की शिकायत डाक द्वारा प्राप्त हुई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए डीएसपी (मुख्यालय) ने पीड़ित से संपर्क कर बयान दर्ज किए और जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की। सिविल लाइन थाना ने एचसीएस अधिकारी के खिलाफ धारा 377 और 506 के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह वर्ष 2020 से मसाज का काम कर रहा है। अधिकारी उसे मसाज के लिए बुलाता था और बाद में ठेकेदार के माध्यम से उसे पब्लिक हेल्थ विभाग में स्वीपर के पद पर नौकरी दिलाई। करीब छह महीने पहले अधिकारी ने उसे मसाज के लिए बुलाया। मसाज के दौरान, जब उसने प्राइवेट पार्ट पर मसाज के लिए मना किया तो अधिकारी ने उसे पिस्तौल दिखाकर जान से मारने और नौकरी से निकालने की धमकी दी। इसके बाद पीड़ित को अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने पर मजबूर किया गया। पीड़ित ने बताया कि अधिकारी की इन हरकतों से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है और अब उसके सामने आत्महत्या की नौबत आ चुकी है। उसने पुलिस से आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कानूनी विशेषज्ञ की टिप्पणी
वरिष्ठ अधिवक्ता मनमोहन राय ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में असहमति से होने वाली कुकर्म की घटनाओं को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है। पुराने कानून (आईपीसी धारा 377) के तहत सहमति और असहमति से होने वाले कुकर्म को अपराध माना जाता था, लेकिन नए कानून में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।