गुहला चीका, 23 नवंबर (निस)
चीका पुलिस ने ब्लाक समिति गुहला के वाइस चेयरमैन ज्ञान चंद शर्मा व एक अन्य व्यक्ति प्रवीण कुमार के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, जाति सूचक शब्द कहने व जान से मारने की धमकी देने के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला बीडीपीओ गुहला राजवीर सिंह ने दर्ज करवाया है। पुलिस को दी अपनी शिकायत में बीडीपीओ राजबीर सिंह बताया कि 21 नवंबर को पंचायत समिति की एक मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें ब्लाक समिति के वाइस चेयरमैन ज्ञान चंद शर्मा व गांव भागल के एक व्यक्ति प्रवीण कुमार ने उसके ऊपर जबरदस्ती कार्रवाई लिखने बारे दबाव डाला। राजवीर सिंह ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें धमकाया और जाति सूचक शब्द कहे। बीडीपीओ ने बताया कि मीटिंग का समय सुबह 11 से 12 बजे तक का था और इस दौरान बैठक में स्वयं ज्ञान चंद शर्मा व एक महिला सदस्य कविता देवी ही आई थी, बाकी सात आठ सदस्य मीटिंग का समय खत्म होने के बाद पहुंचे थे। मीटिंग में पंचायत विभाग के रिटायर सहायक व एक लिपिक भी मौजूद थे।
नहीं कहा कोई जातिसूचक शब्द : वाइस चेयरमैन
ब्लाक समिति के वाइस चेयरमैन ज्ञानचंद शर्मा ने बताया कि बीडीपीओ राजवीर सिंह की चार पांच दिन पहले ही चीका में नियुक्ति हुई है। वे कहां के रहने वाले हैं और किस जाति से संबंध रखते हैं उन्हें इस बारे जानकारी नहीं थी। मंगलवार 21 नवंबर को मीटिंग में ही पहली बार बीडीपीओ से मिले थे। ज्ञान चंद ने कहा कि चेयरपर्सन डिपंल रानी के पास बहुमत है और इसी को लेकर उन्होंने मीटिंग बुलाने की बात कही थी लेकिन बीडीपीओ दो तिहाई बहुमत होने पर ही मीटिंग करने की बात पर अड़े थे। मीटिंग के दौरान ऊंची आवाज में बात करने या जाति सूचक शब्द कहने जैसी कोई बात नहीं हुई। बीडीपीओ के सभी आरोप झूठे है। मामले की किसी निष्पक्ष अधिकारी से जांच करवाई जाए।
‘राजनीति से प्रेरित है मामला’
ब्लाक समिति की चेयरपर्सन डिंपल रानी ने कहा कि वाइस चेयरमैन ज्ञान चंद शर्मा व मेरे परिवार के सदस्य प्रवीन कुमार पर बीडीपीओ राजवीर सिंह द्वारा दर्ज करवाया गया एससीएसटी व धमकाने का मामला बिल्कुल झूठा है। बैठक में ऐसी कोई बात नहीं हुई। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और बीडीपीओ राजनीतिक लोगों के हाथों में खेल रहे हैं।