हिसार, 29 मई (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को 37वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज मुख्य अतिथि थे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
प्रो. काम्बोज ने चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि वह किसान व कमेरा वर्ग के सच्चे हितैषी थे। वह किसानों के दिल में बसते थे और कहते थे कि देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों एवं खलिहानों से होकर गुजरता है। कुलपति ने कहा कि यदि हम चौधरी चरण सिंह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ईमानदारी व निष्ठापूर्वक कार्य करते हुए देश, प्रदेश तथा गरीब किसानों की प्रगति में अपना योगदान देते हैं तो यह इस महान नेता के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विश्वविद्यालय के अधिकारियों, अधिष्ठाताओं, निदेशकों, विभागाध्यक्षों, वैज्ञानिकों व कर्मचारियों ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
बहादुरगढ़ (निस) : पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसान-मजदूरों के सच्चे हितैषी थे। यह बात भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश छिकारा व किसानों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कही। सतीश छिकारा ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। देश के किसान ही देश के अन्नदाता हैं लेकिन उनकी सुविधाओं की सुध लेने वाले राजनेता बहुत कम हुए। एक चौधरी चरण सिंह ही हैं जिन्हें हर पीढ़ी का किसान याद करता है। सतीश छिकारा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का मानना था कि देश का भला तब तक नहीं हो सकता जब तक गांवों का विकास न किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि हम चौधरी चरण सिंह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ईमानदारी व निष्ठापूर्वक कार्य करते हुए देश, प्रदेश तथा किसानों की प्रगति में अपना योगदान देते हैं तो यह इस महान नेता के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर मास्टर पुरुषोत्तम छिकारा, राम सिंह, विजय दिनोदिया, राकेश, अशोक, सुरेन्द्र, सौरभ, सोनू, कुलदीप जांगड़ा, अमित, कपिल, मिकी, जय भगवान आदि मौजूद रहे।
भिवानी (हप्र) : चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता एवं पांचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। स्वाधीनता के समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने बरेली की जेल से दो डायरी रूपी किताब भी लिखी। यह बात युवा कल्याण संगठन के संस्थापक कमल सिंह प्रधान ने स्थानीय विद्यानगर में चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कही। कमल सिंह प्रधान ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की आज पुण्यतिथि है। स्वतंत्रता के पश्चात वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आंदोलन में लग गए। उनसे जुड़ा एक मशहूर किस्सा है, जब एक थाने में उनसे पुलिसकर्मियों ने 35 रुपए की रिश्वत मांगी थी और फिर पूरा थाना सस्पेंड हो गया। इस अवसर पर जितेन्द्र भोलू, देशमुख दादरवाल, मुकेश शर्मा ढाणी माहु, सुमित भट्ट, उमेश, राजकुमार, राजू साउंड वाला, नमन शर्मा, गिरवर सिंह राठौड़, मामन वाल्मीकि, बालू मैदा वाला, जयबीर लोहानी, विरेन्द्र टीटाणी, राजेश कुसुंभी, दलबीर लेघां, जयपाल तंवर, सुरेश शिमली, शमशेर कैरू, मुख्तयार खापड़वास, नसीब सुंगरपुर आदि उपस्थित रहे।