होडल, 4 अप्रैल (निस)
उपमंडल होडल में बच्चों को स्कूलों में मारूति वैनों में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। लोगों का आरोप है कि होडल शहर व आसपास की कॉलोनियों तथा गावों में खुले प्राइवेट स्कूलों में केजी से 5वीं कक्षा तक के बच्चों के अभिभावकों से मनमानी ट्रांसपोर्ट फीस वसूली जाती है।
ट्रांसपोर्ट के लिये मारुति वैनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन वैनों में क्षमता 7 सवारियों की है, मगर कथित तौर पर इन वैनों में इससे 3 गुना से अधिक विद्याथियों को भूसे की तरह ठूंसकर भरा जाता है। यहां तक कि वैनों की डिग्गियों में भी विद्यार्थियों को बैठाया जाता है। सीएनजी वैनों में विद्यार्थियों को एक ‘बारूद के ढेर’ पर ले जाने जैसा कार्य किया जा रहा है। इनमें कभी भी कोई भयानक हादसा घटित होने पर किसी के भी नौनिहाल की जान को खतरा हो सकता है।
परिजनों का आरोप है कि वैनों में न तो आग बुझाने वाले सिलेंडर हैं और न ही किसी भी प्रकार के फर्स्ट एड बॉक्स को इसमें रखा जाता है। कई स्कूलों के प्रबंन्धकों द्वारा इन वैनों पर अपने विद्यालय का नाम भी नहीं लिखवाया जाता।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल का कहना है कि वाहनों की जांच की जिम्मेदारी आरटीओ विभाग की है। आरटीए शशि वसुंधरा का कहना कि उनके विभाग द्वारा पलवल जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों में वाहनों की चेकिंग का अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत होडल एसडीएम के साथ शीघ्र ही होडल में प्राइवेट स्कूलों में इस प्रकार के वाहनों की चेकिंग की जाएगी व कमी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।