जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 6 अगस्त
कभी अम्बाला को साइंस सिटी, मिक्सी सिटी, थोक कपड़ा मार्केट अथवा दरियों के शहर के रूप पहचाना जाता था, लेकिन अब सैकड़ों जुनूनी युवाओं ने शहर की पहचान रक्तसेवकों के शहर के रूप में स्थापित कर दी है। जात-पात, धर्म संप्रदाय की सभी दीवारों को पीछे छोड़ते हुए आज अम्बाला शहर के सैकड़ों युवा चौबीसों घंटे मानव जीवन को बचाने के जुनून में हर समय रक्तसेवा के लिए तत्पर रहते हैं। शहर में रक्तदान के प्रति जुनून पैदा करने का श्रेय स्टार रक्तदानी राजेंद्र गर्ग, कृष्ण सैनी, अश्वनी सतीजा, डॉ. प्रदीप स्नेही को जाता है, जिनकी प्रेरणा से कई पति-पत्नी रक्तदान सेवा से जुड़े हैं।
राजेंद्र गर्ग ने यंग सेवियर्स क्लब बनाकर रक्तदानियों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। उनके साथ आज 1500 से ज्यादा रक्तदाता एकम न्यास के बैनर तले एकत्र होकर मानव सेवा का उक्त कार्य कर रहे हैं। समाज सेवी मुकेश जिंदल, राकेश बग्गा, तेजेंद्र मल्होत्रा व अरुण मेहंदीरत्ता, विकास राजपूत ने 10 मई 2010 को इस न्यास को गठित करके रक्तसेवा की शुरुआत की। आज न्यास के साथ 1500 रक्तदाता जुड़े हैं। चेयरमैन मुकेश जिंदल बताते हैं हैं कि संस्था अब तक 41 रक्तदान शिविर लगा चुकी है तथा इमरजेंसी में 13764 यूनिट ब्लड डोनेशन करवाई जा चुकी है।
पिछले 12 साल से ज्यादा समय से रक्तदान, आंखों के आपरेशन, जरूरतमंद गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में एकम न्यास अलग स्थान बना चुकी है। पिछले करीब 7 साल में संस्था करीब 1000 मोतियाबिंद के आॅपरेशन करवा चुकी है। 40 जरूरतमंद कन्याओं की शादियां करवाई। हर वर्ष गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा के लिए फीस, वर्दी, पठन सामग्री उपलब्ध करवाकर न्यास अहम भूमिका निभा रही है।